Rahul Gandhi Leader of Opposition : जानें वो अधिकार जो नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी को मिलेंगे

Rahul Gandhi Leader of Opposition: Know the rights that Leader of Opposition Rahul Gandhi will get
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इस पद की भी है बहुत अहमियत 

Rahul Gandhi Leader of Opposition – कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और सांसद राहुल गांधी अब संसद में एक नई जिम्मेदारी निभाते नजर आएंगे। राहुल गांधी लोकसभा में विपक्ष के नेता की भूमिका संभालेंगे। इस संबंध में, कांग्रेस ने प्रोटेम स्पीकर भतृहरि महताब को एक पत्र के माध्यम से सूचित किया है।

मोदी सरकार के गठन के बाद, 2014 से अब तक, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष का पद खाली था। लेकिन अब, राहुल गांधी इस महत्वपूर्ण पद को संभालेंगे। भारतीय लोकतंत्र में कई पद महत्वपूर्ण होते हैं, जिनमें नेता प्रतिपक्ष का पद भी शामिल है। यह पद बेहद शक्तिशाली माना जाता है, और शायद यही कारण है कि राहुल गांधी ने इसे स्वीकार किया है।

इस नई भूमिका के तहत, राहुल गांधी को कैबिनेट मंत्री का दर्जा प्राप्त होगा, और उन्हें उसी के अनुरूप वेतन और सुविधाएं प्रदान की जाएंगी।

नेता प्रतिपक्ष को कैबिनेट मंत्री का दर्जा मिलता है, लेकिन यह केवल एक कारण नहीं है जिसके कारण यह पद महत्वपूर्ण है। दरअसल, नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी विपक्ष का नेतृत्व करने तक ही सीमित नहीं होती, बल्कि वे कई संयुक्त संसदीय पैनलों और चयन समितियों का भी हिस्सा होते हैं। इनमें सीबीआई के डायरेक्टर, सेंट्रल विजिलेंस कमिश्नर, मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति, मुख्य सूचना आयुक्त, लोकायुक्त और राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष और सदस्यों का चयन करने वाली समितियाँ शामिल हैं। Also Read – Falon Ka Raja : भारत में बदल गया फलों का राजा, अब आम नहीं खास, जानें वजह 

विभिन्न फैसलों में सीधा हस्तक्षेप | Rahul Gandhi Leader of Opposition  

इन समितियों में नेता प्रतिपक्ष की भूमिका महत्वपूर्ण होती है क्योंकि उनके पास विभिन्न फैसलों में सीधा हस्तक्षेप होता है। उदाहरण के लिए, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ इन समितियों के निर्णयों में अब नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी की भी सहमति अनिवार्य होगी। इस प्रकार, राहुल गांधी का नेता प्रतिपक्ष के रूप में कार्य करने का प्रभाव विभिन्न महत्वपूर्ण नियुक्तियों और निर्णयों पर पड़ेगा।

राहुल गांधी ने अक्सर सीबीआई और अन्य सरकारी एजेंसियों के कार्यों पर सवाल उठाए हैं। अब, इन एजेंसियों के शीर्ष पदों पर नियुक्ति के मामलों में उनकी महत्वपूर्ण भागीदारी होने जा रही है।

राहुल गांधी, नेता प्रतिपक्ष के रूप में, लेखा समिति के प्रमुख की भूमिका भी निभाएंगे। इस स्थिति में, वह सरकार के आर्थिक निर्णयों पर करीबी नजर रख सकेंगे और उनकी समीक्षा कर सकेंगे। लेखा समिति का मुख्य कार्य सरकारी खर्चों की जांच करना है, और इस महत्वपूर्ण जिम्मेदारी के साथ, राहुल गांधी को अब इसे संभालने का अवसर मिलेगा।

केंद्रीय मंत्री के समान वेतन और भत्ते

लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष बनने वाले सांसद को केंद्रीय मंत्री के समान वेतन और भत्ते प्राप्त होते हैं। नेता प्रतिपक्ष का मासिक वेतन 3.30 लाख रुपये होता है। इसके साथ ही, उन्हें कैबिनेट मंत्री के स्तर का आवास भी प्रदान किया जाता है। इसके अलावा, वाहन और ड्राइवर की सुविधा उपलब्ध होती है। नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारियों को पूरा करने के लिए उनके पास 14 कर्मचारियों की टीम भी होती है।

राहुल गांधी, गांधी परिवार के तीसरे सदस्य हैं जो लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष का पद संभालने जा रहे हैं। इससे पहले, उनके पिता राजीव गांधी और मां सोनिया गांधी भी इस पद पर रह चुके हैं। राजीव गांधी ने 18 दिसंबर 1989 से 24 दिसंबर 1990 तक इस जिम्मेदारी का निर्वहन किया, जबकि सोनिया गांधी ने 13 अक्टूबर 1999 से 6 फरवरी 2004 तक यह भूमिका निभाई थी।

2014 और 2019 में नहीं बानी नेता प्रतिपक्ष | Rahul Gandhi Leader of Opposition 

आखिरी बार, 2009 से 2014 तक सुषमा स्वराज ने लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष का पद संभाला था। इसके बाद, यह महत्वपूर्ण पद अब राहुल गांधी को सौंपा गया है। 2014 और 2019 के चुनावों में किसी भी विपक्षी दल के पास 54 सांसद नहीं थे, जो नेता प्रतिपक्ष बनने के लिए आवश्यक संख्या है। लोकसभा के नियमों के अनुसार, नेता प्रतिपक्ष बनने के लिए दल के पास सदन की कुल सीटों का 10% यानी कम से कम 54 सांसद होना जरूरी है। पिछले दो चुनावों में कांग्रेस इस संख्या को हासिल नहीं कर पाई थी। हालांकि, इस बार कांग्रेस ने 99 सीटों पर जीत हासिल की है, जिससे यह पद राहुल गांधी को मिला है। Also Read – Strange Punishment to Students : कॉलेज में मोबाइल इस्तेमाल कर रहे थे स्टूडेंट्स, फिर मिली अनोखी सजा

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