Falon Ka Raja : भारत में बदल गया फलों का राजा, अब आम नहीं खास, जानें वजह 

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इस फल ने आमों को भी पीछे छोड़ा 

Falon Ka Raja – भारत में आम को फलों का राजा माना जाता है, और इस मौसम में आम की मंदिरा चल रही है। बाजारों में कई प्रकार के आम देखने को मिल रहे हैं। लेकिन आपको हैरानी होगी कि देश में अब आम नहीं, बल्कि ‘केला’ फलों का राजा माना जा रहा है। 2022-23 में उत्पादन के मामले में केले ने आम को पीछे छोड़ दिया है। केले का हिस्सेदारी 10.9% थी, जबकि आम की हिस्सेदारी 10% रही। यहाँ तक कि भारत में सबसे ज्यादा आम उत्तर प्रदेश से और सबसे ज्यादा केले आंध्र प्रदेश से आते हैं। भारतीय आम और केले का विदेशों में बहुत अच्छा बाजार है। कई आम की किस्में हैं जो भारतीय बाजारों में नहीं पाई जातीं, उन्हें सीधे विदेशों में निर्यात कर दिया जाता है।

भारत एक प्रमुख आम उत्पादक देश है, जो वैश्विक उत्पादन में लगभग 42 प्रतिशत योगदान देता है। भारत में आम के प्रमुख उत्पादक राज्यों की बात करें तो बागवानी बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार, आम के उत्पादन में तीसरे स्थान पर कर्नाटक है, जहां 8.58 प्रतिशत आम उत्पादित होता है। दूसरे स्थान पर आंध्र प्रदेश है, जहां कुल आम का उत्पादन 22.99 प्रतिशत होता है। आम के उत्पादन में पहले स्थान पर उत्तर प्रदेश है, जहां कुल आम का 23.64 प्रतिशत उत्पादन होता है।

भारत में उत्पादित आम | Falon Ka Raja

2022-23 में भारत में कुल 2.1 करोड़ टन आम उत्पादित हुआ था। अनुमान के अनुसार, देश में आम की करीब 1500 से अधिक किस्में हैं। यहां विभिन्न प्रजातियों में सफेदा, दशहरी, लंगड़ा, तोतापुरी, नीलम और अलफांसो जैसी लोकप्रिय आम की किस्में पाई जाती हैं। Also Read – Soyabean Ka Plant : 15 फीट ऊंचा सोयाबीन का पौधा बना आकर्षण का केंद्र

12 महीने उपलब्ध होता केला | Falon Ka Raja

भारत में केला प्रायः 12 महीने उपलब्ध होता है। केले का उत्पादन भारत के सभी राज्यों में होता है, लेकिन केला उत्पादन के मामले में आंध्र प्रदेश दूसरे सबसे बड़े उत्पादक राज्य है। इसके बाद महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु और उत्तर प्रदेश आते हैं। ये पांच राज्य ने वित्तीय वर्ष 2022-23 में भारत के केले के उत्पादन में लगभग 67 प्रतिशत का योगदान दिया। 2022-23 में केले के 176 मिलियन अमेरिकी डालर की मात्रा में निर्यात किया गया था। हालांकि, केले का भारतीय उत्पादन वैश्विक रूप से महत्वपूर्ण होने के बावजूद, इसका वैश्विक निर्यात अभी भी कम है, जो केवल 1 प्रतिशत वैश्विक बाजार में योगदान करता है।

पिछले साल 2022-23 के दौरान, आलू और प्याज ने मिलकर सबसे अधिक उत्पादन में योगदान दिया, जो कृषि समूह के लगभग 15 प्रतिशत उत्पादन के बराबर था। फूलों की खेती ने लगभग 7 प्रतिशत योगदान किया। आंकड़ों से पता चलता है कि 2022-23 में कृषि, वानिकी और मछली पकड़ने का योगदान सकल मूल्य का 18.2 प्रतिशत था। भारत कृषि योग्य भूमि के मामले में दुनिया भर में दूसरे स्थान पर है (155.37 मिलियन हेक्टेयर) और अनाज के उत्पादन में तीसरे स्थान पर है। Also Read – Strange Punishment to Students : कॉलेज में मोबाइल इस्तेमाल कर रहे थे स्टूडेंट्स, फिर मिली अनोखी सजा

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