जानें कौन सा है ज्यादा फायदेमंद , नैनो डीएपी: एक नया और प्रभावी विकल्प
Nano DAP and DAP – किसान अपने खेतों में बेहतर फसल की पैदावार के लिए विभिन्न प्रकार के उर्वरकों का उपयोग करते हैं, और डाइ-अमोनियम फॉस्फेट (डीएपी) खाद इसका प्रमुख उदाहरण है। डीएपी का उपयोग आमतौर पर फसलों की तेजी से वृद्धि के लिए किया जाता है, लेकिन अब सरकार नैनो डीएपी को बढ़ावा दे रही है, जो डीएपी से काफी अलग है। जानिए, नैनो डीएपी और डीएपी में क्या फर्क है और कौन सा विकल्प किसानों के लिए ज्यादा फायदेमंद हो सकता है।

डीएपी और नैनो डीएपी में प्रमुख अंतर | Nano DAP and DAP
- फॉर्म और संरचना:
- डीएपी एक दानेदार उर्वरक होता है, जबकि नैनो डीएपी लिक्विड रूप में उपलब्ध है।
- नैनो डीएपी में नैनो टेक्नोलॉजी का उपयोग किया गया है, जिससे इसके कण का आकार 100 नैनोमीटर से भी कम होता है, जो इसे अधिक प्रभावी बनाता है। Also Read – MPPSC Bharti : उम्मीदवार ध्यान दें: इंटरव्यू की तारीखें और डॉक्यूमेंट अपडेट का महत्व
- उपयोग और प्रभाव:
- डीएपी का मुख्य रूप से खेतों में छिड़काव और मिट्टी में मिलाने के लिए किया जाता है, जबकि नैनो डीएपी को बीज उपचार, पत्तों पर छिड़काव, जड़ों पर और कंदों के सेट उपचार के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।
- नैनो डीएपी का उपयोग करने से फसल की पैदावार में वृद्धि होती है और इसकी गुणवत्ता भी बेहतर होती है।
- मिट्टी और पर्यावरण पर प्रभाव:
- डीएपी के अधिक उपयोग से समय के साथ खेतों की उर्वरक क्षमता में कमी आ सकती है, जबकि नैनो डीएपी से खेतों पर कोई नकारात्मक असर नहीं पड़ता। यह पर्यावरण के अनुकूल है और मिट्टी, जल और वायु प्रदूषण को कम करने में मदद करता है।
नैनो डीएपी के फायदे
- कम लागत, ज्यादा लाभ: जहां डीएपी की कीमत लगभग ₹1,350 प्रति बोरी होती है, वहीं नैनो डीएपी की कीमत मात्र ₹600 प्रति 600 मिलीलीटर है, जो किसानों के लिए किफायती विकल्प साबित हो सकता है।
- पोर्टेबिलिटी: नैनो डीएपी की बोतल छोटी और हल्की होती है, जिससे इसे आसानी से कहीं भी ले जाया जा सकता है।
- आसान उपयोग: नैनो डीएपी को आसानी से बीज, पत्तों और जड़ों पर उपयोग किया जा सकता है, जिससे इसका प्रभाव अधिक और तेजी से दिखाई देता है।
नैनो डीएपी की कीमत और उपलब्धता | Nano DAP and DAP
किसानों को नैनो डीएपी की 600 मिलीलीटर की बोतल ₹600 में उपलब्ध हो जाती है, जो उन्हें डीएपी के मुकाबले काफी सस्ती पड़ती है। हालांकि, नैनो डीएपी के बारे में जानकारी की कमी के कारण कई किसान इसका उपयोग नहीं कर रहे हैं। बहराइच के जिला कृषि अधिकारी सूबेदार यादव का कहना है कि किसानों को एक बार नैनो डीएपी का उपयोग जरूर करना चाहिए, क्योंकि इसका असर खुद किसानों को दिखेगा और वे इसे फिर से उपयोग करेंगे। Also Read – DAP Rack : जिले में किसानों को निरंतर उर्वरकों की आपूर्ति