पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा, कुकरू ईको टूरिज्म स्थल का वन विभाग ने किया जीर्णोद्धार
Kukru Tourism – बैतूल।जिले में स्थित कुकरू ईको टूरिज्म स्थल का जीर्णोद्धार वन विभाग द्वारा किया गया है। मध्यप्रदेश की दूसरी सबसे ऊंची चोटी होने के कारण यह स्थल अब पर्यटकों के लिए और भी अधिक आकर्षक हो गया है।
कुकरू ईको टूरिज्म स्थल का हुआ नवीनीकरण | Kukru Tourism
डीएफओ विजयानन्तम टी.आर. के नेतृत्व में कुकरू ईको टूरिज्म स्थल का नवीनीकरण किया गया है, जिसमें पर्यटकों के लिए कई नई सुविधाएं जोड़ी गई हैं। डीएफओ विजयानन्तम टी.आर. ने बताया कि वन विभाग के इन प्रयासों से कुकरू में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और यह स्थल पर्यटकों के लिए एक प्रमुख आकर्षण बनेगा। इस प्रकार, कुकरू का विकास स्थानीय लोगों के जीवन में समृद्धि लाएगा और बैतूल जिले को पर्यटन के क्षेत्र में नई ऊंचाइयों तक पहुंचाएगा।
सुरम्य वादियों में स्थित कुकरू की विशेषता
सतपुड़ा की सुरम्य वादियों में स्थित कुकरू, बैतूल जिले से सिर्फ 90 किलोमीटर की दूरी पर है। 1137 मीटर की ऊंचाई पर स्थित यह स्थान प्रकृति प्रेमियों, रोमांच के शौकीनों और शांति की तलाश करने वालों के लिए एक पसंदीदा गंतव्य बनता जा रहा है। यहां का प्राकृतिक सौंदर्य, ग्रामीण संस्कृति, और अनोखे अनुभवों का आनंद लेने के लिए अब और भी अधिक सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं। Also Read – Saanp Ka Video : बच्चों के लिए खतरा बन कर आया सांप फिर पहुंची चिड़िया
पर्यटकों के लिए व्यवस्था | Kukru Tourism

पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए ईको टूरिज्म स्थल पर केंटीन की व्यवस्था की गई है, जहाँ वे स्थानीय व्यंजनों का आनंद ले सकते हैं। रात में ठहरने के लिए बिजली की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। परिसर में मचान बनाए गए हैं और सोलर लाइट्स लगाई गई हैं। संचार सुविधा के लिए सिग्नल बूस्टर लगाए गए हैं, ताकि पर्यटक अपने परिवार से संपर्क में रह सकें। जंगल सफारी के लिए गाड़ियों की व्यवस्था की गई है, जिसमें पर्यटक पवन चक्की, लोकलदरी, कुकरू विलेज, लेडी फ्लोरेंस का पूर्व निवास और जंगल का आनंद ले सकते हैं।
स्थानीय जनजाति द्वारा पर्यटकों के अनुरोध पर कोरकू नृत्य कार्यक्रम भी आयोजित किया जाता है। बच्चों के मनोरंजन के लिए चिल्ड्रन प्ले एरिया विकसित किया गया है, जिसमें विभिन्न प्रकार के झूले और अन्य खेल उपकरण शामिल हैं। इस पर्यटन स्थल पर सुंदर बागान, नेचर ट्रेल और साइकिलिंग ट्रैक भी विकसित किए गए हैं, जहाँ पर्यटक नेचर ट्रेल, माउंटेन साइकिलिंग और हॉर्स राइडिंग का मजा ले सकते हैं। यहां के प्राकृतिक सौंदर्य, कॉफी बागान, ग्रामीण संस्कृति, कुकरू जनजाति के लोकनृत्य और सीपना नदी के उद्गम स्थल का अनुभव भी किया जा सकता है।
कॉफी बागान: मध्यप्रदेश का इकलौता कॉफी बागान वन विश्राम गृह, कुकरू से सटा हुआ है। यह बागान वर्तमान में 44 हेक्टेयर में फैला हुआ है और यहाँ विभिन्न प्रकार के पक्षी देखे जा सकते हैं।
भोण्डियाकुण्ड दर्शन/सिपना दर्शन: सतपुड़ा पर्वत श्रृंखला के मध्य स्थित यह स्थल वनग्राम भोण्डियाकुण्ड के साथ-साथ महाराष्ट्र प्रांत के मेलघाट टाइगर रिजर्व की जीवनदायिनी सिपना नदी का उद्गम स्थल है। यहां से सतपुड़ा की सात मनोहारी पर्वत श्रृंखलाओं का दृश्य देखा जा सकता है।
बुच पाईंट: सतपुड़ा की वादियों में स्थित यह पाईंट सूर्योदय के दर्शन का अत्यंत रमणीय स्थान है। यहां से प्राकृतिक सौंदर्य का अद्भुत नजारा देखने को मिलता है।
सूर्यास्त पाईंट: मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र की सीमा पर स्थित यह पाईंट सतपुड़ा की सुंदर पहाड़ियों के बीच सूर्यास्त का मनमोहक दृश्य प्रस्तुत करता है।
मिस फ्लोरेंस हेड्रिक्स हेरिटेज/आश्रम: यह स्थल ब्रिटिश महिला मिस फ्लोरेंस हेड्रिक्स का पूर्व निवास है, जो घने जंगलों के बीच जीर्ण-शीर्ण अवस्था में स्थित है, जहाँ वे अकेली निवास करती थीं।
सांस्कृतिक नृत्य: कुकरू के ईको टूरिज्म केंद्र में स्थानीय आदिवासी लोकनृत्य का आयोजन किया जाता है, जो पर्यटकों के लिए एक विशेष आकर्षण है।
बैलगाड़ी सवारी: स्थानीय ग्रामीणों द्वारा ईको टूरिज्म केंद्र कुकरू में बैलगाड़ी सवारी का आयोजन किया जाता है, जो एक अनोखा अनुभव प्रदान करता है।

साइकिल पथ (साइकिलिंग): कुकरू के ईको टूरिज्म केंद्र से भोण्डियाकुण्ड और अन्य दर्शनीय स्थलों तक साइकिलिंग की सुविधा उपलब्ध है, जो पर्यटकों को रोमांच का अनुभव कराती है। Also Read – Saanp Ka Mela : देश में यहाँ लगता है साँपों का मेला, हजारों की संख्या में नजर आते हैं नागराज