Saanp Ka Mela : देश में यहाँ लगता है साँपों का मेला, हजारों की संख्या में नजर आते हैं नागराज

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जानें आखिर क्या है इसके पीछे की वजह

Saanp Ka Mela – देश में कई अनोखी परंपराएं हैं और इनमें से एक है बिहार के समस्तीपुर में लगने वाला सांपों का मेला। इस मेले में हजारों की संख्या में सांप देखे जा सकते हैं और लोग इनकी पूजा करते हैं। यह मेला नागपंचमी के दिन लगता है और इसे देखने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं।

क्या है इस मेले की कहानी? | Saanp Ka Mela

इस मेले की कहानी काफी पुरानी है। मान्यता है कि इस क्षेत्र में नाग देवता का वास है और वे यहां के लोगों की रक्षा करते हैं। इसीलिए लोग नाग देवता को प्रसन्न करने के लिए यह मेला लगाते हैं। मेले में लोग नदी से सांप निकालते हैं और उन्हें पूजा करते हैं। इसके बाद इन सांपों को वापस नदी में छोड़ दिया जाता है। Also Read – Saanp Ka Video : खतरानक रसेल वाइपर को पकड़ना शख्स को पड़ गया भारी, सांप ने काटा

क्यों है यह मेला विवादित?

यह मेला कई कारणों से विवादित है। कुछ लोग इसे अंधविश्वास मानते हैं तो कुछ इसे पर्यावरण के लिए खतरा मानते हैं। सांपों को पकड़ना और उन्हें पूजा के लिए इस्तेमाल करना कानूनन अपराध है। इसके अलावा, सांपों के काटने से कई लोग घायल भी हो जाते हैं।

विशेषज्ञों का क्या कहना है? | Saanp Ka Mela

विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह के मेले लोगों को अंधविश्वास की ओर धकेलते हैं और पर्यावरण को भी नुकसान पहुंचाते हैं। सांप प्रकृति के संतुलन के लिए बहुत जरूरी हैं और उन्हें संरक्षित किया जाना चाहिए।

क्या है समाधान?

इस समस्या का समाधान शिक्षा में है। लोगों को सांपों के बारे में जागरूक करना होगा और उन्हें बताना होगा कि सांपों को डरने की बजाय सम्मान दिया जाना चाहिए। इसके अलावा, सरकार को भी इस तरह के मेलों पर रोक लगाने के लिए कड़े कदम उठाने चाहिए।

निष्कर्ष | Saanp Ka Mela

सांपों का मेला एक अजीबोगरीब परंपरा है जो कई सवाल खड़े करती है। हमें इस परंपरा के पीछे के कारणों को समझने की जरूरत है और यह भी देखना है कि क्या यह परंपरा आधुनिक समय में प्रासंगिक है या नहीं।

मुख्य बिंदु:
  • समस्तीपुर में लगता है सांपों का मेला
  • नागपंचमी के दिन होता है मेला
  • लोग नाग देवता की पूजा करते हैं
  • मेला विवादित है
  • विशेषज्ञों का मानना है कि यह अंधविश्वास है
  • शिक्षा के जरिए समस्या का समाधान

नोट: यह लेख केवल सूचना के उद्देश्य से है। किसी भी धार्मिक भावना को ठेस पहुंचाने का इरादा नहीं है। Also Read – Saanp Ka Video : बच्चों के लिए खतरा बन कर आया सांप फिर पहुंची चिड़िया

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