Poultry Farming : बिना ज्यादा लागत और मेहनत के इन 3 पक्षियों का पालन करें

Poultry Farming: Rear these 3 birds without much cost and hard work
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मुर्गी से ज्यादा अंडे देंगे और बन सकते हैं ‘लखपति’!

Poultry Farmingपोल्ट्री फार्मिंग के क्षेत्र में ज्यादातर किसान मुर्गी पालन करते हैं, लेकिन यदि आप मुर्गी पालन के साथ बत्तख, तीतर और बटेर का पालन शुरू करें, तो यह आपके लिए अधिक फायदेमंद हो सकता है। ये पक्षी न केवल मुर्गियों से ज्यादा अंडे देते हैं, बल्कि इनके अंडे और मांस की बाजार में ज्यादा मांग और उच्च कीमत होती है।

Poultry Farming: Rear these 3 birds without much cost and hard work
Poultry Farming: Rear these 3 birds without much cost and hard work

1. तीतर पालन: कम लागत, ज्यादा मुनाफा | Poultry Farming

उत्पादन क्षमता: तीतर सालभर में 300 से 320 अंडे देता है, जो मुर्गियों से अधिक है।

बाजार में मांग: तीतर के अंडे और मांस की सर्दियों में बहुत मांग होती है। इसका मांस गर्मी प्रदान करता है, जिससे लोग इसे ठंड के मौसम में अधिक पसंद करते हैं। Also Read – Bakri Palan Yojana : एक लाभदायक व्यवसाय और सरकारी मदद

लागत में कमी: तीतर का पालन मुर्गियों के साथ करने पर खर्च कम होता है, क्योंकि इनके लिए अलग से ज्यादा व्यवस्था की जरूरत नहीं होती।

2. बत्तख पालन: तालाब में कमाएं बड़ा मुनाफा

रहने की व्यवस्था: बत्तख पालन के लिए आपको एक छोटा तालाब या वाटर टैंक बनाना होगा।

आहार: यह गीला चारा, कीड़े-मकोड़े, चोकर और मक्का खाती है।

उत्पादन क्षमता: बत्तख एक साल में 300 अंडे देती है, जो मुर्गियों से काफी ज्यादा है।

बाजार में मांग: बत्तख के अंडे और मांस की सर्दियों में अच्छी मांग होती है, जिससे किसान ज्यादा मुनाफा कमा सकते हैं। Also Read – MP Pashupalan : पशुपालन पर 50% सब्सिडी

3. बटेर पालन: कम जगह में ज्यादा लाभ | Poultry Farming

रहने की व्यवस्था: बटेर के लिए जमीन पर धान के छिलके या लकड़ी का बुरादा बिछाकर एक छोटा सा स्थान तैयार किया जा सकता है।आहार: बटेर स्वीट कॉर्न, चावल और मिलेट्स खाता है।

उत्पादन क्षमता: बटेर एक साल में 250 से 300 अंडे देता है।

बाजार में मांग: बटेर के मांस की सर्दियों में ज्यादा मांग होती है, और यह महंगे दामों पर बिकता है।

क्यों है ये फायदेमंद?

ज्यादा उत्पादन: मुर्गियों की तुलना में ये पक्षी ज्यादा अंडे देते हैं।

कम लागत: इन पक्षियों का पालन करने में खर्च कम आता है।

बाजार में उच्च कीमत: इनके अंडे और मांस बाजार में महंगे बिकते हैं।

सर्दियों में बढ़ी हुई मांग: ठंड के मौसम में इनके मांस की डिमांड और कीमत बढ़ जाती है। Also Read MP Shikshak Bharti : मध्य प्रदेश में 7929 शिक्षकों की भर्ती : आवेदन 28 जनवरी से शुरू

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