राज्यों को करना होगा केंद्र के साथ MoU
PM Awas Yojana – प्रधानमंत्री आवास योजना के दूसरे चरण में राज्यों की भागीदारी को और अधिक पारदर्शी बनाने के लिए केंद्र सरकार ने एक नई पहल की है। अब राज्यों को योजना के कार्यान्वयन के लिए एक सहमति पत्र (MoU) पर हस्ताक्षर करना अनिवार्य होगा, जिसमें यह स्पष्ट किया जाएगा कि वे अपनी हिस्सेदारी की धनराशि खर्च करने में पीछे नहीं हटेंगे।
यह कदम विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि पीएम आवास योजना के पहले चरण में कई गैर-भाजपा शासित राज्य, जैसे छत्तीसगढ़ की पूर्व कांग्रेस सरकार और पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार, केंद्र पर धनराशि जारी न करने या उसमें देरी के आरोप लगाते रहे हैं। Also Read – PM Kisan : किसान भाइयों के लिए खुशखबरी, जल्द खत्म होगा 18वीं किस्त का इंतजार
कई सुधारों के साथ होगी लागू | PM Awas Yojana
केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल ने मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के पहले सौ दिनों में आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय की उपलब्धियों के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि पीएम आवास योजना (शहरी) के दूसरे चरण में कई महत्वपूर्ण सुधार किए गए हैं। इनमें से एक प्रमुख सुधार यह है कि राज्यों को योजना में भाग लेने के लिए आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय के साथ MoU करना होगा।
इस योजना के तहत अगले पांच वर्षों में एक करोड़ नए घरों का निर्माण किया जाएगा, जिन पर केंद्र सरकार लगभग दो लाख करोड़ रुपये खर्च करेगी। पीएम आवास योजना 2.0 के तहत गाँवों में दो करोड़ और शहरों में एक करोड़ घर बनाने का लक्ष्य है। इस योजना को गत 9 सितंबर को कैबिनेट द्वारा मंजूरी दी गई थी।
राज्यों को अधिक जवाबदेह बनाने की पहल
आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि राज्यों को योजना के प्रति अधिक जवाबदेह बनाने के लिए कई सुधार करने के निर्देश दिए गए हैं। इनमें एफोर्डेबल हाउसिंग नीति का निर्माण, शहरी नियोजन, डिमांड सर्वे के आधार पर लाभार्थियों की पहचान और धन के आवंटन के लिए पारदर्शी नीति का निर्माण शामिल हैं।
इन सुधारों के आधार पर केंद्र सरकार योजनाओं के लिए धन और प्रोत्साहन राशि जारी करेगी। इन सुधारों की समय सीमा दिसंबर 2024 निर्धारित की गई है।
विशेष फोकस वाले लाभार्थी | PM Awas Yojana
पीएम आवास योजना (शहरी) में पीएम स्वनिधि और पीएम विश्वकर्मा योजना के लाभार्थियों, सफाईकर्मियों, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, और औद्योगिक कर्मचारियों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
झुग्गी-झोपड़ी में रहने वालों को भी मिलेगा लाभ
इसके अलावा, झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वाले लोग भी इस योजना का हिस्सा बन सकेंगे। जिनके पास अपनी जमीन नहीं है, उन्हें राज्य सरकार द्वारा पट्टा प्रदान किया जाएगा। झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वाले लोग बीएलसी (बेनेफिशिएरी-लेड कंस्ट्रक्शन) और निजी-सरकारी सहयोग मॉडल के तहत एफोर्डेबल रेंटल हाउसिंग दोनों घटकों में शामिल होकर योजना का लाभ उठा सकते हैं। Also Read – PM Kisan Samman Nidhi : जानें किन किसानों को नहीं मिलेगा 18वीं किस्त का ₹2,000