जानें कैसे योजना करेगी लाभकारी
National Edible Oil-Oilseeds Mission – केंद्र सरकार ने तिलहन उत्पादन बढ़ाने के उद्देश्य से राष्ट्रीय खाद्य तेल-तिलहन मिशन की शुरुआत की है। इस योजना के तहत किसानों को तिलहन फसलों, जैसे सोयाबीन, सरसों, मूंगफली, सूरजमुखी, और तिल की खेती करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। सबसे खास बात यह है कि सरकार किसानों को इन फसलों के उन्नत किस्म के बीज मुफ्त में उपलब्ध कराएगी।
किसानों को मिलेंगे ये लाभ | National Edible Oil-Oilseeds Mission
सरकार इस योजना को देश के 21 राज्यों के 347 जिलों में लागू करेगी, जिससे तिलहन की खेती करने वाले लाखों किसानों को फायदा होगा। इस मिशन को 7 सालों तक, यानी 2024-25 से 2030-31 तक, चलाया जाएगा। Also Read – Bichhu Aur Cobra Ka Video : बिच्छू और कोबरा की टक्कर का वायरल वीडियो
योजना का बजट और उद्देश्य:
केंद्र सरकार ने तिलहन उत्पादन में आत्मनिर्भरता लाने के लिए इस मिशन के लिए 10,103 करोड़ रुपये का बजट स्वीकृत किया है। इस योजना का उद्देश्य है तिलहन उत्पादन को बढ़ाकर देश की खाद्य तेल जरूरतों को घरेलू उत्पादन से पूरा करना।
सरकार से मिलने वाली मदद | National Edible Oil-Oilseeds Mission
बीज व अन्य सुविधाएं: किसानों को उन्नत बीजों के साथ सूक्ष्म सिंचाई, कृषि मशीनें, फसल बीमा, और कृषि ऋण की सुविधाएं दी जाएंगी।
प्रोसेसिंग यूनिट्स को मदद: एग्री इंफ्रा फंड के तहत प्रोसेसिंग यूनिट्स को वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। इसके साथ ही FPOs, सहकारी समितियों, और निजी उद्योगों को प्रोजेक्ट बेस्ड सपोर्ट भी मिलेगा।
तिलहन फसलों की बुवाई में बढ़ोतरी:
मिशन के चलते इस साल खरीफ सीजन में 3 लाख हेक्टेयर अतिरिक्त क्षेत्र में तिलहन की बुवाई हुई है। सोयाबीन, मूंगफली, और सूरजमुखी की खेती में बढ़ोतरी देखने को मिली, जबकि तिल और अरंडी की खेती में थोड़ी गिरावट आई।
खाद्य तेल के आयात पर भारत की निर्भरता | National Edible Oil-Oilseeds Mission
भारत ने वित्तीय वर्ष 2022-23 में 165 लाख टन खाद्य तेल का आयात किया था, जो देश की कुल आवश्यकता का 60% है। शेष 40-45% तेल देश में ही उत्पादित होता है। इस आयात पर पिछले वित्तीय वर्ष में देश ने 1,23,078 करोड़ रुपये खर्च किए थे। इस मिशन के तहत तिलहन उत्पादन बढ़ने से यह आयात घटेगा और देश आत्मनिर्भर बनेगा।
मिशन के लक्ष्य:
तिलहन उत्पादन को 2022-23 के 39 मिलियन टन से बढ़ाकर 2030-31 तक 69.7 मिलियन टन करना।
तिलहन की खेती का क्षेत्र 210 लाख हेक्टेयर तक पहुंचाना।
तिलहन फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) 2024-25 | National Edible Oil-Oilseeds Mission
सोयाबीन (पीला): 4,892 रुपये प्रति क्विंटल
मूंगफली: 6,783 रुपये प्रति क्विंटल
सूरजमुखी: 7,280 रुपये प्रति क्विंटल
नाइजरसीड: 8,717 रुपये प्रति क्विंटल
तिल: 9,267 रुपये प्रति क्विंटल
योजना से किसानों को होगा सीधा फायदा:
इस मिशन के जरिए किसानों को फ्री बीज और कृषि उपकरण जैसी सुविधाएं मिलेंगी, जिससे वे तिलहन उत्पादन को बढ़ा सकेंगे। इससे उनकी फसल की अच्छी कीमत मिलने के साथ ही तिलहन उत्पादन में देश की आत्मनिर्भरता बढ़ेगी, जिससे विदेशी आयात पर निर्भरता घटेगी और करोड़ों रुपये की बचत होगी। Also Read – Cobra Ka Video : घांस चर रही गाय का नागराज से हो गया सामना