MPESB Shikshak Bharti : मध्य प्रदेश शिक्षक भर्ती में EWS वर्ग को नहीं मिली आयु और योग्यता में छूट

MPESB Shikshak Bharti: EWS category did not get relaxation in age and qualification in Madhya Pradesh teacher recruitment.
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MPESB Shikshak Bharti – मध्य प्रदेश कर्मचारी चयन मंडल (ESB) की शिक्षक भर्ती परीक्षा में एक नया विवाद खड़ा हो गया है। इस बार आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) के अभ्यर्थियों ने नियमों पर सवाल उठाए हैं, जिसमें उन्हें आयु सीमा और शैक्षणिक योग्यता में छूट नहीं दी गई है।

MPESB Shikshak Bharti: EWS category did not get relaxation in age and qualification in Madhya Pradesh teacher recruitment.
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भर्ती प्रक्रिया और विवाद की शुरुआत | MPESB Shikshak Bharti

मध्य प्रदेश के स्कूल शिक्षा विभाग और जनजातीय कार्य विभाग में माध्यमिक शिक्षकों के लिए विषयवार 7,929 पदों पर भर्ती के लिए चयन परीक्षा आयोजित की जा रही है। इस भर्ती प्रक्रिया के लिए आवेदन 28 जनवरी 2025 से शुरू किए गए हैं। भर्ती नियमावली के अनुसार, अनुसूचित जाति (SC), अनुसूचित जनजाति (ST), और अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के अभ्यर्थियों को अधिकतम आयु सीमा में 5 वर्ष और शैक्षणिक अर्हता अंकों में 5 प्रतिशत तक की छूट दी गई है। Also Read MP News : मध्यप्रदेश में विकास की नई पहल: शराब की दुकानें होंगी बंद

EWS वर्ग के साथ भेदभाव का आरोप

जहां SC, ST और OBC वर्गों को आयु सीमा में छूट दी गई है, वहीं EWS वर्ग को इस प्रकार की कोई भी छूट नहीं दी गई है। सामान्य श्रेणी के पुरुषों के लिए अधिकतम आयु सीमा 40 वर्ष और महिलाओं के लिए 45 वर्ष निर्धारित की गई है, लेकिन यह छूट EWS वर्ग के अभ्यर्थियों को लागू नहीं होती। इसी प्रकार, शैक्षणिक योग्यता में न्यूनतम अर्हता अंक 50% निर्धारित किए गए हैं, जिसमें आरक्षित वर्गों को 5% की छूट दी गई है, लेकिन EWS वर्ग को इसमें भी कोई राहत नहीं मिली है।

कानूनी कदम उठाने की तैयारी | MPESB Shikshak Bharti

इस भेदभाव के विरोध में भारतीय EWS संघ ने इसे संविधान के समानता के अधिकार का उल्लंघन बताते हुए उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल करने की तैयारी शुरू कर दी है। संघ का कहना है कि जब आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को आरक्षण का लाभ दिया गया है, तो आयु सीमा और योग्यता अंकों में छूट से वंचित रखना न्यायसंगत नहीं है।

निष्कर्ष

यह मुद्दा भर्ती प्रक्रिया में समानता और न्याय के सवाल को उठाता है। अगर यह मामला अदालत में जाता है, तो इससे भर्ती प्रक्रिया पर भी प्रभाव पड़ सकता है। EWS वर्ग के अभ्यर्थी उम्मीद कर रहे हैं कि न्यायालय उनके पक्ष में निर्णय देगा और उन्हें भी समान अधिकार प्रदान किए जाएंगे। Also Read – MPPSC Bharti : अभियांत्रिकी और खाद्य सुरक्षा अधिकारी परीक्षा का सिलेबस जारी

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