सीएम को भेजी गई सूची
MP News – मध्य प्रदेश में इन दिनों नाम बदलने की राजनीति गरमा गई है। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने हाल ही में दो जनसभाओं में 14 क्षेत्रों के नाम बदलने की घोषणा की थी। अब एक हिंदू संगठन ने सीएम को 55 क्षेत्रों के नाम बदलने की सूची भेजी है, जिसमें राजधानी भोपाल और रायसेन जैसे जिलों के क्षेत्रों के नाम शामिल हैं। उनका कहना है कि ये नाम आक्रांताओं और गुलामी के प्रतीक हैं, जिन्हें बदला जाना चाहिए।
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हिंदू संगठन की मांग | MP News
भोपाल के “संस्कृति बचाओ मंच” ने सीएम को एक सूची भेजी, जिसमें 55 क्षेत्रों के नाम बदले जाने की मांग की गई है। इस संगठन के पदाधिकारी चंद्रशेखर तिवारी ने कहा कि जिन स्थानों के नाम आक्रांताओं के नाम पर हैं, उन्हें बदला जाना चाहिए। उन्होंने उदाहरण के तौर पर कहा कि “यदि नाम रखना ही है तो शहनाई वादक बिस्मिल्ला खां या पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम के नाम पर रखा जाए, क्योंकि इन महान हस्तियों ने देश का मान बढ़ाया।” Also Read – MP Shikshak Bharti : मध्य प्रदेश में 7929 शिक्षकों की भर्ती : आवेदन 28 जनवरी से शुरू
नाम बदलने की सूची
सीएम को भेजी गई सूची में भोपाल के शाहजहांनाबाद, पीरगेट, जहांगीराबाद, ईदगाह हिल्स, हलाली डैम, बरखेड़ी, पिपलिया जाहर पीर, मुबारकपुर, उमरावगंज, सलामतपुर, शाहबाद और आलमपुर के नाम शामिल हैं। इसके अलावा, रायसेन जिले के गोहरगंज, नीरगंज, बेगमगंज, गैरतगंज, औबेदुल्लागंज और सुल्तानपुर जैसे स्थानों के नाम बदलने की मांग की गई है। हाल ही में भाजपा सांसद अनिल फिरोजिया और महाकाल मंदिर के पुजारी ने भी उज्जैन में कुछ स्थानों के नाम बदलने की मांग की थी।
सीएम मोहन यादव द्वारा किए गए बदलाव | MP News
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने पहले अपने गृह जिले उज्जैन के तीन गांवों के नाम बदले थे। उन्होंने गजनी खेड़ी का नाम बदलकर “मां चामुंडा नगरी”, जहांगीरपुर का नाम बदलकर “जगदीशपुर” और मौलाना गांव का नाम बदलकर “विक्रम नगर” कर दिया था। इसके बाद, शाजापुर जिले के 11 गांवों के नाम बदलने की घोषणा की गई थी। Also Read – New western bypass in MP : एमपी में बनेगा नया वेस्टर्न बायपास
इन बदलावों में मोहम्मदपुर मछनाई का नाम “मोहनपुर”, ढाबला हुसैनपुर का नाम “ढाबला राम” और कई अन्य स्थानों के नाम बदलने की प्रक्रिया शामिल थी।
नए नामों की प्रक्रिया
नाम बदलने की प्रक्रिया में स्थानीय समुदायों और अधिकारियों की सहमति ली जाती है। यह कदम न केवल ऐतिहासिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह सांस्कृतिक पहचान को मजबूत करने की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण पहल है। Also Read – MP 100 Dial : मध्य प्रदेश में AI से संचालित होगा डायल-100 सिस्टम