MP Karmchari : मध्यप्रदेश के कर्मचारियों को वेतन में हो रहा है बड़ा नुकसान

MP Karmchari: Employees of Madhya Pradesh are facing huge loss in salary.
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संगठनों ने दिया अल्टीमेटम

MP Karmchari – मध्यप्रदेश में ठेका और अस्थाई कर्मचारियों को हर महीने हजारों रुपये के वेतन नुकसान का सामना करना पड़ रहा है। ऑल डिपार्टमेंट आउटसोर्स एवं अस्थाई कर्मचारी मोर्चा, मप्र ने इस समस्या को लेकर सारणी में बैठक आयोजित की और सरकार को जल्द कार्रवाई करने का अल्टीमेटम दिया।

MP Karmchari: Employees of Madhya Pradesh are facing huge loss in salary.
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ठेका कर्मचारियों के साथ वेतन विसंगति | MP Karmchari

सारणी बिजली संयंत्र में कार्यरत करीब 1500 ठेका कर्मचारियों को तय न्यूनतम वेतन से 10,000 रुपये कम वेतन दिया जा रहा है। यह ठेका कर्मचारी 8,000-10,000 रुपये प्रति माह वेतन पर काम कर रहे हैं, जबकि केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित न्यूनतम वेतन के तहत अकुशल से लेकर उच्च कुशल श्रमिकों को 20,358 से 26,910 रुपये प्रति माह वेतन मिलना चाहिए। Also Read – MP Sarkari Naukri : मध्य प्रदेश में भर्ती प्रक्रिया: एक लाख पदों पर नई नौकरियां

अन्याय के खिलाफ अभियान

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार ठेका कंपनियां कलेक्टर दर से वेतन का भुगतान कर रही हैं, जो सरकार द्वारा तय न्यूनतम वेतन से काफी कम है। इसके अलावा, कर्मचारियों को श्रेणी पदोन्नति न देना, जब-तब नौकरी से निकालने की धमकियां देना और अन्यायपूर्ण व्यवहार आम है।

संगठन की मांगें | MP Karmchari

  1. पूर्ण न्यूनतम वेतन का भुगतान: सरकार के दिशानिर्देशों के अनुसार, श्रमिकों को उनकी श्रेणी के आधार पर वेतन दिया जाए।
  2. न्यूनतम वेतन अभियान: ठेका कर्मचारियों को केंद्र सरकार के मानकों के अनुसार वेतन सुनिश्चित करने के लिए अभियान चलाने की घोषणा।
  3. सरकार का हस्तक्षेप: वेतन विसंगतियों को खत्म करने और श्रमिकों के अधिकारों की रक्षा के लिए ठोस कदम उठाने की मांग।

कर्मचारी संगठनों की चेतावनी

अगर समय पर इस मामले में कार्रवाई नहीं की गई, तो संगठन बड़े आंदोलन की तैयारी करेंगे। यह बैठक प्रदेशभर में हो रही बैठकों का हिस्सा है, जहां कर्मचारियों के अधिकारों के लिए आवाज उठाई जा रही है।

निष्कर्ष | MP Karmchari

सरकार और कंपनियों के बीच समन्वय की कमी से श्रमिकों को नुकसान उठाना पड़ रहा है। कर्मचारियों और संगठनों ने स्पष्ट किया है कि वे अपने अधिकारों के लिए निर्णायक कदम उठाने के लिए तैयार हैं। अब यह सरकार पर निर्भर है कि वह कर्मचारियों की समस्याओं का समाधान कैसे करती है। Also Read – MP Bagh News : आदमखोर बाघ की तलाश जारी

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