1 लाख करोड़ से अधिक खर्च का प्रावधान
Kisan News – केंद्र सरकार किसानों की आय में वृद्धि करने के लिए निरंतर प्रयास कर रही है। इस दिशा में हाल ही में दो बड़ी योजनाओं को मंजूरी दी गई है, जिन पर 1 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च किए जाएंगे। इन योजनाओं का उद्देश्य कृषि क्षेत्र में सुधार, खाद्य सुरक्षा को मजबूत करना और किसानों को आत्मनिर्भर बनाना है।
कौन सी हैं ये योजनाएं?
केंद्र सरकार ने दो महत्वपूर्ण योजनाओं को स्वीकृति दी है | Kisan News
प्रधानमंत्री राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (PM National Agricultural Development Scheme)
कृषोन्नति योजना (Krishonnati Yojana)
इन योजनाओं का लक्ष्य टिकाऊ कृषि को बढ़ावा देना और खाद्य उत्पादन में आत्मनिर्भरता हासिल करना है। इनसे किसानों को नई तकनीकों और संसाधनों के माध्यम से अपनी उत्पादकता बढ़ाने में मदद मिलेगी। Also Read – Kheti Kisani : नई किस्म से किसानों की होगी चांदी: 130 दिन में टमाटर की बंपर पैदावार
कैबिनेट की बैठक में मिली स्वीकृति
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हाल ही में हुई कैबिनेट बैठक में इन योजनाओं को मंजूरी दी गई। प्रधानमंत्री राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत विभिन्न कृषि गतिविधियों को समर्थन दिया जाएगा, जबकि कृषोन्नति योजना किसानों की उत्पादन क्षमता बढ़ाने और खाद्य तेल उत्पादन को प्रोत्साहित करने पर केंद्रित है।
कितना खर्च किया जाएगा? | Kisan News
इन दोनों योजनाओं पर कुल 1,01,321.61 करोड़ रुपये का खर्च प्रस्तावित है। इसमें से प्रधानमंत्री राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के लिए 57,074.72 करोड़ रुपये और कृषोन्नति योजना के लिए 44,246.89 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। केंद्र सरकार इसमें 69,088.98 करोड़ रुपये और राज्य सरकारें 32,232.63 करोड़ रुपये का योगदान देंगी।
इन योजनाओं से जुड़े प्रमुख कार्यक्रम
इन योजनाओं के तहत कई प्रमुख कार्यक्रम शामिल किए गए हैं, जो किसानों को व्यापक सहायता प्रदान करेंगे। इनमें मृदा स्वास्थ्य कार्ड, सूक्ष्म सिंचाई, फसल विविधीकरण, और जैविक खेती जैसी योजनाएं शामिल हैं। ये कार्यक्रम किसानों को बेहतर संसाधन और तकनीक मुहैया कराएंगे, जिससे उनकी पैदावार और आय में वृद्धि होगी।
कृषोन्नति योजना: किसानों के लिए नई दिशा | Kisan News
कृषोन्नति योजना, जो पहली बार 2005 में शुरू की गई थी, अब और सुदृढ़ की जा रही है। इसका मुख्य उद्देश्य तिलहन फसलों के उत्पादन को बढ़ाना है ताकि देश को खाद्य तेल उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाया जा सके। इस योजना के तहत, रेपसीड-सरसों, सोयाबीन, मूंगफली, सूरजमुखी, और तिल जैसी फसलों के उत्पादन को प्रोत्साहित किया जाएगा। इसके अलावा, तिलहन के माध्यम से 2022-23 तक 39 मिलियन टन से उत्पादन बढ़ाकर 2023-31 तक 69.7 मिलियन टन करने का लक्ष्य रखा गया है।
किसानों को कैसे मिलेगा लाभ?
इन योजनाओं से किसानों को नई तकनीकों, सिंचाई प्रणालियों और बेहतर खेती के तरीकों के जरिए उनकी उत्पादकता बढ़ाने में मदद मिलेगी। साथ ही, इन योजनाओं के तहत उन्हें सरकारी सहायता मिलेगी जिससे वे अपनी आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ कर सकेंगे। तिलहन उत्पादन में आत्मनिर्भरता बढ़ाने से न केवल किसानों को फायदा होगा, बल्कि देश की खाद्य सुरक्षा भी मजबूत होगी। Also Read – Kisan News : किसानों के लिए बड़ी खुशखबरी: शिवराज सिंह चौहान ने किए अहम ऐलान