600 क्विंटल से ज्यादा की उपज
Kheti Kisani – रबी सीजन आते ही सब्जियों की बुवाई का समय भी शुरू हो गया है। इस सीजन में टमाटर की खेती किसानों के लिए काफी फायदेमंद साबित होती है, खासकर तब जब उन्हें अच्छी कीमत मिलती है। इसी को ध्यान में रखते हुए, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) ने टमाटर की एक नई हाइब्रिड किस्म पेश की है जिसका नाम है ‘पूसा टमाटर हाइब्रिड 6’। यह किस्म 130 दिनों में 600 क्विंटल से ज्यादा की उपज देती है और टमाटर में होने वाली चार प्रमुख बीमारियों से भी बचाती है। इससे फसल पर होने वाले कीट-रोग के खर्च में भी बचत होती है। इस नई किस्म से टमाटर की खेती करने वाले किसानों की जेबें अच्छी तरह भर सकती हैं। Also Read – PM Kisan Samman Nidhi : जानें किन किसानों को नहीं मिलेगा 18वीं किस्त का ₹2,000
किस्म की खासियत: दिल के आकार का टमाटर | Kheti Kisani
पूसा टमाटर हाइब्रिड 6 की एक और खासियत यह है कि इसका फल दिल के आकार का होता है, जो इसे बाजार में खास बनाता है। इसके फल का औसत वजन 80-90 ग्राम होता है। यह किस्म न केवल रबी बल्कि खरीफ सीजन में भी बोई जा सकती है। बंपर उत्पादन के साथ-साथ इसका आकार और बीमारियों से बचाव इसे किसानों के लिए बहुत ही आकर्षक विकल्प बनाता है।
उपज: 600 से 900 क्विंटल प्रति हेक्टेयर
पूसा के कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार, रबी सीजन में ‘पूसा टमाटर हाइब्रिड 6’ से 600 क्विंटल प्रति हेक्टेयर की उपज मिल सकती है, जबकि खरीफ सीजन में इसकी उपज 900 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक हो सकती है। छत्तीसगढ़, उड़ीसा, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और उत्तर प्रदेश के किसान इस किस्म की बुवाई कर सकते हैं।
रोग प्रतिरोधक क्षमता | Kheti Kisani
यह किस्म टमाटर की चार प्रमुख बीमारियों—टीओएलसीडी (Tomato Leaf Curl Virus), लेट ब्लाइट, फ्यूजेरियम विल्ट और बैक्टीरियल विल्ट—से लड़ने में सक्षम है। ये बीमारियां आमतौर पर टमाटर और अन्य सब्जियों को प्रभावित करती हैं, जिससे फसल की उपज और गुणवत्ता में कमी आती है। इस नई किस्म से किसान इन रोगों की चिंता किए बिना बेहतरीन उत्पादन कर सकते हैं।
किसानों के लिए महत्वपूर्ण सुझाव
रबी सीजन में टमाटर की फसल ठंड और पाले को सहन नहीं कर पाती है, इसलिए तापमान 18 से 27 डिग्री सेल्सियस के बीच रहना चाहिए। हालांकि, ‘पूसा टमाटर हाइब्रिड 6’ किस्म थोड़ी ठंड भी सहन कर सकती है, फिर भी पाले से बचाव के लिए शेड या तिरपाल का उपयोग करना जरूरी है। इसके अलावा, पौधों में फूल आने के समय मिट्टी चढ़ाना और पौधों को सहारा देना भी आवश्यक है ताकि फल मिट्टी और पानी के संपर्क में न आएं और सड़ने से बच सकें।
निष्कर्ष | Kheti Kisani
‘पूसा टमाटर हाइब्रिड 6’ किस्म से किसान कम खर्च में अधिक उपज हासिल कर सकते हैं। इसकी रोग प्रतिरोधक क्षमता और बंपर उत्पादन इसे खेती के लिए एक आदर्श विकल्प बनाते हैं। यदि किसान सही समय पर इस किस्म की बुवाई करते हैं और फसल की उचित देखभाल करते हैं, तो उनकी पैदावार और मुनाफा दोनों ही बढ़ने की संभावना है। Also Read – Kisan Ka Jugaad : किसान ने बनाई अनोखी मशीन: उपले बनेंगे बिना हाथ लगाए