Holika Dahan 2025 : 30 साल बाद बनेगा दुर्लभ शूल योग, जानें इसका ज्योतिषीय महत्व

Holika Dahan 2025: Rare Shool Yoga will form after 30 years, know its astrological significance
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Holika Dahan 2025होलिका दहन 2025 इस वर्ष 13 मार्च को प्रदोष काल में संपन्न होगा। पंचांग गणना के अनुसार, यह पर्व फाल्गुन शुक्ल चतुर्दशी के बाद पूर्णिमा तिथि पर मनाया जाएगा। इस दिन पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र, धृति योग, शूल योग, वणिज करण, बव करण और सिंह राशि के चंद्रमा की विशेष उपस्थिति होगी, जो इसे अत्यंत शुभ बनाती है।

Holika Dahan 2025: Rare Shool Yoga will form after 30 years, know its astrological significance
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30 साल बाद बनेगा दुर्लभ शूल योग | Holika Dahan 2025

ज्योतिषाचार्य पंडित अमर डब्बावाला के अनुसार, 2025 में होलिका दहन के दिन एक दुर्लभ खगोलीय संयोग बन रहा है। इस दिन सूर्य, बुध और शनि की कुंभ राशि में युति होगी, जो शूल योग और गुरुवार के दिन के साथ मिलकर इस पर्व को और अधिक विशिष्ट बना रही है।आखिरी बार यह संयोग 1995 में बना था, जो अब तीन दशकों बाद फिर से बनने जा रहा है। इस खास योग में की गई मंत्र, यंत्र और तंत्र साधना अत्यंत प्रभावशाली मानी जाती है। यही कारण है कि इसे ‘सिद्ध रात्रि’ भी कहा जाता है। Also Read Madhya Pradesh gets another airport : मध्य प्रदेश को मिला एक और हवाई अड्डा

रात्रि 11:30 बजे के बाद होगा होलिका दहन

धर्मशास्त्रों के अनुसार, होलिका दहन भद्रा समाप्त होने के बाद करना ही शुभ माना जाता है। इस बार रात 11:30 बजे के बाद दहन का उत्तम मुहूर्त रहेगा।हालांकि, कुछ स्थानों पर मध्यरात्रि या ब्रह्म मुहूर्त में होलिका दहन करने की परंपरा है, लेकिन रात्रि के समय किया गया दहन सर्वश्रेष्ठ माना जाता है।

भद्रा का प्रभाव रहेगा, लेकिन प्रदोष काल शुभ | Holika Dahan 2025

इस दिन सुबह 10:23 बजे से रात 11:30 बजे तक भद्रा का प्रभाव रहेगा। हालांकि, धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, प्रदोष काल में किया गया होलिका पूजन शुभ और फलदायी होता है।पंचांग गणना के अनुसार, इस बार सिंह राशि का चंद्रमा भद्रा का वास पृथ्वी पर बता रहा है।
लेकिन, बड़े पर्वों पर भद्रा के पूंछ भाग का विचार किया जाता है, जिससे कोई दोष नहीं लगता।
ज्योतिष मान्यता के अनुसार, भद्रा के अंतिम चरण में होलिका पूजन करने से यश और विजय की प्राप्ति होती है।

होलिका दहन 2025: मुख्य बिंदु (Quick Highlights)

तिथि: 13 मार्च 2025
मुहूर्त: रात्रि 11:30 बजे के बाद
विशेष संयोग: सूर्य, बुध, शनि की युति, दुर्लभ शूल योग
शुभ प्रभाव: सिद्ध रात्रि, तंत्र-साधना के लिए श्रेष्ठ समय
भद्रा समाप्ति: रात्रि 11:30 बजे

इस साल का होलिका दहन सिर्फ एक धार्मिक अनुष्ठान ही नहीं, बल्कि एक दुर्लभ खगोलीय घटना भी है। इस पावन रात्रि में की गई साधना और पूजा से विशेष फल की प्राप्ति संभव है। Also Read MP Shikshak : मध्यप्रदेश में शिक्षकों के लिए खुशखबरी : वेतन में वृद्धि

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