फिल्म का परिचय:
Emergency Movie Review in Hindi – कंगना रनौत द्वारा निर्देशित और अभिनीत फिल्म इमरजेंसी आज, 17 जनवरी को रिलीज हो गई है। इस फिल्म में कंगना रनौत के अलावा श्रेयस तलपड़े, सतीश कौशिक, विशाक नायर, मिलिंद सोमन और अनुपम खेर जैसे प्रतिभाशाली कलाकार नजर आते हैं। फिल्म की कहानी भारत की पहली महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के जीवन और उनके कार्यकाल के महत्वपूर्ण घटनाक्रमों पर आधारित है।

कहानी की झलक | Emergency Movie Review in Hindi
फिल्म की शुरुआत इंदिरा गांधी के बचपन से होती है और उनके जीवन के विभिन्न उतार-चढ़ावों को दर्शाती है। इसमें उनके प्रधानमंत्री बनने से लेकर ऑपरेशन ब्लू स्टार तक की घटनाओं को कवर किया गया है।फिल्म में इंदिरा गांधी के व्यक्तिगत और राजनीतिक जीवन के संघर्षों को दिखाने का प्रयास किया गया है। उनके अपने परिवार के साथ संबंध, जैसे बुआ विजय लक्ष्मी, पिता, और पति के साथ मतभेद, को कहानी का हिस्सा बनाया गया है। Also Read – MP News : मध्य प्रदेश को केंद्र सरकार से 13,582 करोड़ की सौगात
कहानी और स्क्रिप्ट:
कमजोर स्क्रिप्ट:फिल्म की सबसे बड़ी कमी इसकी कमजोर स्क्रिप्ट है। घटनाओं का केवल सतही वर्णन किया गया है, लेकिन उन्हें गहराई से स्थापित नहीं किया गया।
अत्यधिक ड्रामैटिक:फिल्म का टोन शुरुआत से ही काफी ड्रामैटिक है, जो दर्शकों को जोड़ने में असफल रहती है।
ऐतिहासिक घटनाओं का न्याय नहीं:फिल्म इतिहास से न्याय करने में असफल रही है और कई महत्वपूर्ण घटनाओं को केवल छूकर निकल जाती है।
अभिनय और निर्देशन | Emergency Movie Review in Hindi
कंगना रनौत:कंगना जब खुद के रूप में दिखती हैं, तो प्रभावशाली लगती हैं। लेकिन जब वे इंदिरा गांधी का किरदार निभाती हैं, तो वह दर्शकों को खास प्रभावित नहीं कर पातीं।
विशाक नायर:संजय गांधी के किरदार में विशाक नायर ने बेहतरीन काम किया है।
मिलिंद सोमन:सैम मानेकशॉ के रोल में मिलिंद सोमन ने अपनी छाप छोड़ी है।
अन्य कलाकार:श्रेयस तलपड़े और अनुपम खेर जैसे कलाकारों ने अपनी भूमिकाओं के साथ न्याय किया है।
फिल्म की कमजोरियां:
नेगेटिविटी का प्रभाव:फिल्म में इंदिरा गांधी और उनके रिश्तों को लेकर शुरुआत से ही नेगेटिविटी दिखाई गई है।
असंगत अभिनय:कई दृश्यों में एक्टिंग का स्तर हास्यास्पद लगता है। Also Read – MP 100 Dial : मध्य प्रदेश में AI से संचालित होगा डायल-100 सिस्टम
संसद का दृश्य:अटल बिहारी वाजपेयी और जगजीवन राम का गाना गाने वाला दृश्य बेहद अजीब लगता है।
पॉजिटिव पहलू | Emergency Movie Review in Hindi
फिल्म का सेकंड हाफ पहले हाफ की तुलना में बेहतर है।कुछ कलाकारों का अभिनय फिल्म को संभालने की कोशिश करता है।
फाइनल वर्डिक्ट:
इमरजेंसी एक बायोपिक होने के बावजूद न तो मनोरंजन कर पाती है और न ही ऐतिहासिक घटनाओं के साथ न्याय करती है। कंगना रनौत का निर्देशन और कहानी कहने का तरीका दर्शकों को बांधने में असफल रहता है। Also Read – 8th Pay Commission : केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी में हो सकता है 44.44% का इजाफा