Development and of Panchayats : अब पंचायतों का होगा सशक्तिकरण

Development and of Panchayats: Now Panchayats will be empowered
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आत्मनिर्भरता के लिए केंद्र सरकार बनाएगी नए नियम

Development and of Panchayats – केंद्र सरकार पंचायतों के विकास और सशक्तिकरण के लिए बड़े कदम उठाने की तैयारी कर रही है। हालांकि, स्थानीय निकायों को आत्मनिर्भर बनाने में राज्यों की निष्क्रियता चिंता का विषय है। संविधान के अनुच्छेद 243एच में राज्यों को यह अधिकार दिया गया है कि वे पंचायतों को कर, शुल्क और पथकर लगाने की अनुमति दें। लेकिन जमीनी हकीकत यह है कि अधिकांश राज्य इस दिशा में प्रभावी कदम उठाने से अब तक दूर हैं।

पंचायतों की आय का चिंताजनक स्तर | Development and of Panchayats

हाल ही में पंचायतीराज मंत्रालय और केंद्रीय वित्त आयोग द्वारा आयोजित सम्मेलन में एक रिपोर्ट पेश की गई, जिसमें खुलासा हुआ कि देश की ग्राम पंचायतों की प्रति व्यक्ति औसत आय केवल 59 रुपये है। यह आंकड़ा तब है, जब आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, केरल, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, तमिलनाडु जैसे कुछ राज्यों ने पंचायतों के लिए आय के नियम बनाए हैं। कई अन्य राज्य इस दिशा में अब तक कोई कदम नहीं उठा सके हैं। Also Read MP DA Hike : मध्य प्रदेश न्यायिक सेवा के जजों के लिए खुशखबरी

केंद्र सरकार का बड़ा कदम

अब केंद्र सरकार राष्ट्रीय स्तर पर पंचायतों की आय बढ़ाने के लिए आदर्श नियमों का मसौदा तैयार कर रही है। इन नियमों में पंचायतों को कर, शुल्क और पथकर लगाने के अधिकार, खनन रॉयल्टी, जीएसटी और स्टांप ड्यूटी में हिस्सेदारी जैसे विषय शामिल किए जाएंगे। पंचायतीराज मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इन नियमों के जरिए राज्यों को प्रेरित किया जाएगा कि वे अपने यहां इन प्रावधानों को लागू करें।

वित्त आयोग ने जताई चिंता | Development and of Panchayats

15वें वित्त आयोग के अध्यक्ष डॉ. अरविंद पनगढ़िया ने पंचायतों की आर्थिक स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि यदि पंचायतें अपने आय स्रोतों को मजबूत करती हैं, तो वे विकास और सेवा प्रदायगी में और बेहतर योगदान दे सकती हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि पंचायतों को अपने क्षेत्र में खनन और अन्य राजस्व स्रोतों का भी लाभ मिलना चाहिए।

ग्राम पंचायत विकास योजना में पारदर्शिता

सरकार ने पहली बार यह भी अनिवार्य किया है कि ग्राम पंचायत विकास योजना (GPDP) को ई-ग्राम स्वराज पोर्टल पर अपलोड करते समय पंचायतों को अपनी आय के स्रोत और उसे बढ़ाने के प्रयासों की घोषणा करनी होगी।

कैसे होंगे आदर्श नियम? | Development and of Panchayats

आदर्श नियम संविधान में दिए गए प्रावधानों और विशेषज्ञों की सिफारिशों के आधार पर तैयार किए जाएंगे। इनका उद्देश्य पंचायतों को न केवल सशक्त बनाना है, बल्कि उन्हें आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर भी बनाना है। राज्यों को इन नियमों के अनुसार अपने कानूनों में संशोधन कर पंचायतों को आवश्यक अधिकार देने की सिफारिश की जाएगी।

निष्कर्ष

पंचायतों को आत्मनिर्भर बनाना न केवल ग्रामीण विकास बल्कि राष्ट्र के समग्र प्रगति के लिए भी आवश्यक है। केंद्र सरकार का यह प्रयास स्थानीय निकायों को सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत को आर्थिक रूप से मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम साबित हो सकता है। Also Read – MPPSC Bharti : जानें राज्य पात्रता परीक्षा (SET) के महत्वपूर्ण निर्देश

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