Age relaxation for EWS candidates – मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने ईडब्ल्यूएस (Economically Weaker Section) वर्ग के उम्मीदवारों को आयु सीमा में पाँच साल की छूट देने का महत्वपूर्ण अंतरिम आदेश जारी किया है। हाई कोर्ट की युगलपीठ, जिसमें मुख्य न्यायाधीश सुरेश कुमार कैत और न्यायमूर्ति विवेक जैन शामिल हैं, ने यह आदेश संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) द्वारा आयोजित सिविल सेवा परीक्षा-2025 के लिए दिया है।
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मुख्य बिंदु | Age relaxation for EWS candidates
कोर्ट ने यूपीएससी को निर्देश दिया है कि ईडब्ल्यूएस वर्ग के उम्मीदवारों के आवेदन स्वीकार किए जाएं।यह भी कहा गया है कि इन उम्मीदवारों के परिणाम बिना अनुमति के जारी न किए जाएं।मामले की अगली सुनवाई मंगलवार को होगी। Also Read – regularization of illegal colonies : बैतूल जिले की 271 अवैध कॉलोनियों का होगा नियमितीकरण
याचिका का आधार
यह याचिका सतना निवासी आदित्य नारायण पांडेय की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल और मनीष सिंह ने दायर की थी।
उन्होंने तर्क दिया कि अन्य आरक्षित वर्गों (SC, ST, OBC) को आयु सीमा में छूट दी जाती है, जबकि ईडब्ल्यूएस भी आरक्षित श्रेणी में आता है। इसलिए उन्हें भी यह लाभ मिलना चाहिए।
कुछ समय पहले शिक्षक भर्ती मामले में ईडब्ल्यूएस उम्मीदवारों को आयु सीमा में छूट का लाभ दिया गया था।
सिविल सेवा परीक्षा 2025 का कार्यक्रम | Age relaxation for EWS candidates
प्रारंभिक परीक्षा: 25 मई 2025
मुख्य परीक्षा: 22 अगस्त 2025आवेदन प्रक्रिया 22 जनवरी से शुरू हुई और 18 फरवरी तक चलेगी।
आवेदन में त्रुटि सुधार के लिए 19 से 25 फरवरी तक समय दिया गया है।
शिक्षक चयन परीक्षा में भी छूट का मामला
हाई कोर्ट ने माध्यमिक और प्राथमिक शिक्षक चयन परीक्षा-2024 में ईडब्ल्यूएस उम्मीदवारों को आयु सीमा में पाँच साल की छूट देने का आदेश पहले ही दिया था।
अधिवक्ताओं ने दलील दी कि शिक्षक चयन परीक्षा की रूल बुक में ईडब्ल्यूएस को आरक्षित श्रेणी माना गया है, लेकिन आयु सीमा में छूट नहीं दी गई। इसे भारतीय संविधान के अनुच्छेद 14 और 16 का उल्लंघन बताया गया।
सीपीसीटी परीक्षा अनिवार्यता पर विवाद
सरकारी विभागों में तृतीय श्रेणी कर्मचारियों के लिए कंप्यूटर प्रवीणता प्रमाणन परीक्षा (सीपीसीटी) अनिवार्य कर दी गई है।कर्मचारियों का कहना है कि इस अनिवार्यता के कारण वे सेवा से पृथक किए जा रहे हैं।
मांगें:सीपीसीटी की अनिवार्यता समाप्त की जाए।
जिन कर्मचारियों को सेवा से पृथक किया गया है, उनकी सेवा बहाल की जाए।
हाई कोर्ट का यह फैसला ईडब्ल्यूएस वर्ग के उम्मीदवारों के लिए समानता और अवसर सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। साथ ही, सरकारी विभागों में सीपीसीटी परीक्षा को लेकर कर्मचारियों की समस्याओं पर विचार करना प्रशासन की प्राथमिकता होनी चाहिए। Also Read – opium cultivation : एक एकड़ जमीन पर अवैध अफीम की खेती का खुलासा