Health Department issued advisory – बैतूल – स्वास्थ्य विभाग ने सर्पदंश और वर्षा ऋतु में होने वाली बीमारियों से बचाव के लिए एडवाइजरी जारी की है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, डॉ. रविकांत उइके ने बताया कि वर्षा ऋतु में दूषित जल के सेवन से टाइफाइड, पीलिया, डायरिया, पेचिश और हैजा जैसी बीमारियां फैलती हैं। इसलिए, पेयजल के रूप में शुद्ध उबला हुआ पानी ही उपयोग करें। खाने से पहले और शौच के बाद साबुन से हाथ जरूर धोएं। शुद्ध पेयजल की कमी के कारण जल जनित रोगों से देश में लगभग 80 प्रतिशत मौतें होती हैं, और बारिश में यह समस्या बढ़ जाती है।
दस्त रोग | Health Department issued advisory
श्री उईके ने बताया कि दूषित पानी के कारण अक्सर दस्त रोग फैलता है, जो बच्चों में अधिक गंभीर हो सकता है। इस रोग की गंभीरता इसलिए भी अधिक है क्योंकि शरीर में पानी की कमी के कारण बच्चे की मृत्यु भी हो सकती है। दस्त रोग की रोकथाम के लिए शुद्ध पेयजल और शुद्ध भोजन का उपयोग करें। सड़े-गले फल और खाद्य पदार्थों का सेवन न करें। खाना खाने से पहले और शौच के बाद साबुन से हाथ जरूर धोएं। खुले में शौच न करें और शौचालय का उपयोग करें। घर के आसपास साफ-सफाई बनाए रखें। दस्त होने पर चिकित्सक की सलाह अनुसार ओ.आर.एस. और जिंक सल्फेट की गोली का उपयोग करें। खाने-पीने की वस्तुओं को ढक कर रखें और मक्खियों से बचाव करें। हरी सब्जियां और फलों को उपयोग से पहले साफ पानी से धोकर ही सेवन करें। Also Read – Interesting gk Question : किस मिठाई में नहीं की जा सकती है कभी मिलावट
आंखों का रोग
मानसून के दौरान कई लोगों को आंखों के रोग हो जाते हैं। इनमें आंखों में खुजली, लालिमा, चिपचिपापन, और सफेद या पीले रंग का पदार्थ जमा होना शामिल है। इस रोग को आई-फ्लू, कंजक्टिवाइटिस या आंखें आना कहा जाता है। कंजक्टिवाइटिस का संक्रमण आपसी संपर्क के कारण फैलता है। संक्रमित व्यक्ति के उपयोग की वस्तुएं जैसे रुमाल, तौलिया, टॉयलेट की टोंटी, दरवाजे का हैंडल, और टेलीफोन रिसीवर से यह दूसरों तक पहुंच सकता है।
आंखों में संक्रमण होने पर बार-बार अपने हाथ और चेहरे को ठंडे पानी से धोएं। परिवार के सभी सदस्य अलग-अलग तौलिये और रुमाल का उपयोग करें। स्वच्छ पानी का उपयोग करें और बार-बार आंखों को हाथ न लगाएं। धूप के चश्मे का उपयोग करें और चिकित्सक से परामर्श लें।
मलेरिया/डेंगू रोग | Health Department issued advisory
डॉ. उईके ने बताया कि बरसात के मौसम में मलेरिया और डेंगू जैसी बीमारियां भी फैलती हैं, जिनमें मरीज को ठंड लगकर बुखार आता है। खेत, तालाब, गड्ढे, खाई, और घर के आसपास रखे टूटे-फूटे डब्बे, पुराने टायर, और पशुओं के पानी पीने के हौद में बरसात के दिनों में पानी जमा हो जाता है। इस प्रकार के जमा पानी में मच्छरों के लार्वा पैदा होते हैं, जो बाद में मच्छर बनकर रोग फैलाते हैं।
मलेरिया से बचाव के लिए घर के आसपास पानी जमा न होने दें। रुके हुए पानी में मिट्टी का तेल या जला हुआ तेल डालें। कूलर, फूलदान, और फ्रिज ट्रे को सप्ताह में एक बार अवश्य साफ करें। सोते समय मच्छरदानी का उपयोग करें और कीटनाशक का छिड़काव करवाएं। यदि मलेरिया हो जाए, तो खून की जांच अवश्य कराएं और चिकित्सक की सलाह से पूरा उपचार लें।
सर्पदंश से बचाव
सीएमएचओ डॉ. उईके ने बताया कि वर्षा ऋतु में सर्पदंश के मामले बढ़ जाते हैं। इससे बचाव के लिए कुएं या गड्ढे में अनजाने में हाथ न डालें, बरसात में और अंधेरे में नंगे पांव न घूमें, जूतों को झाड़कर पहनें, और सांप दिखने पर पास न जाएं, बल्कि दूर से भगाएं। सर्पदंश होने पर घबराएं नहीं, व्यक्ति को सुरक्षित स्थिति में लिटाकर स्थिर करें, काटे हुए अंग के रक्त प्रवाह को नियंत्रित करें, और आवश्यकतानुसार स्थिरीकरण के लिए प्रेशर पैड का उपयोग करें। सांप के कटे घाव पर चीरा न लगाएं, जोर से न रगड़ें, मालिश न करें, सफाई न करें, और जड़ी-बूटी या रसायनों का उपयोग न करें, ताकि संक्रमण और विष अवशोषण को नियंत्रित किया जा सके। सर्पदंश के रोगी को तुरंत समीपस्थ अस्पताल पहुंचाएं। Also Read – Saanp Ka Video : खतरानक रसेल वाइपर को पकड़ना शख्स को पड़ गया भारी, सांप ने काटा