सप्ताह भर में बढ़ने लगेगा फसल का साइज
Tomato Farming – टमाटर की खेती करने वाले किसानों के लिए मोजेक वायरस एक गंभीर चुनौती बन गया है। यह वायरस पौधों की पत्तियों और फलों को नुकसान पहुंचाता है, जिससे उनकी वृद्धि रुक जाती है और उत्पादन में भारी कमी आ जाती है। इस वायरस से निपटने के लिए कुछ स्थानीय उपचार प्रभावी साबित हो सकते हैं। समय पर उपचार करने से टमाटर के फलों का आकार एक सप्ताह के भीतर ही बढ़ सकता है।
मोजेक वायरस के लक्षण क्या हैं | Tomato Farming
पत्तियों पर पीले और हरे धब्बों का दिखना, पत्तियों का मुड़ना और सिकुड़ना, पौधों की वृद्धि में बाधा, और फलों का असामान्य आकार और रंग बदलना। Also Read – Kheti Kisani : ट्रैक्टर से जुताई की टेंशन खत्म, आज ही ले आएं ये छोटी सी मशीन
मोजेक वायरस से प्रभावित पौधों को बचाने के लिए कुछ देसी उपचार कारगर हो सकते हैं। इन उपचारों का पालन करके किसान अपनी फसल को इस वायरस से बचा सकते हैं।
नीम का अर्क: नीम के पत्तों का अर्क तैयार करके पौधों पर छिड़काव करना एक प्रभावी तरीका है। नीम में मौजूद एंटीवायरल गुण मोजेक वायरस को नियंत्रित करने में सहायक होते हैं। 20 लीटर पानी में 500 मिलीलीटर नीम का अर्क मिलाकर इसका छिड़काव करें।
तुलसी का रस: मोजेक वायरस से लड़ने के लिए तुलसी के पत्तों का रस भी उपयोगी हो सकता है। तुलसी के पत्तों को पीसकर उनका रस निकालें और 1 लीटर पानी में 100 मिलीलीटर तुलसी का रस मिलाकर छिड़काव करें।
लहसुन का अर्क: लहसुन का अर्क छिड़कने से भी मोजेक वायरस को नियंत्रित करने में मदद मिलती है। 1 किलो लहसुन को पीसकर 10 लीटर पानी में मिलाएं और 24 घंटे बाद इसे छानकर पौधों पर छिड़काव करें।
रोगग्रस्त पौधों को हटाना: अगर कोई पौधा मोजेक वायरस से गंभीर रूप से प्रभावित हो गया है, तो उसे तुरंत हटाकर नष्ट कर देना चाहिए ताकि संक्रमण अन्य पौधों तक न फैले। Also Read – Kheti Kisani : गाय का ये दोष की वो फसल खाती है, और उसे लेकर पुलिस चौकी पहुंचे किसान