लड्डू, में जानवरों की चर्बी होने का दावा
Tirupati Laddu – आंध्र प्रदेश के प्रसिद्ध तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसाद, लड्डू, में जानवरों की चर्बी होने का दावा हाल ही में राज्य के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू द्वारा किया गया, जिसने देशभर में हड़कंप मचा दिया है। तिरुपति बालाजी का लड्डू भगवान को भोग के रूप में अर्पित किया जाता है और फिर भक्तों में प्रसाद के रूप में बांटा जाता है। मुख्यमंत्री के इस दावे से लाखों श्रद्धालुओं की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंची है, जो इस खबर को सुनकर बेहद आहत हुए हैं। लोगों को यह विश्वास करना कठिन हो रहा है कि उन्होंने प्रसाद के रूप में लड्डू खाया, जिसमें जानवरों की चर्बी और मछली का तेल मिला हो सकता है। इस विवाद ने कई श्रद्धालुओं को मानसिक और धार्मिक रूप से प्रभावित किया है, जिससे वे खुद को अपवित्र महसूस कर रहे हैं। Also Read – Ladli Behna Yojana : पोर्टल खुलते ही इन दस्तावेजों की पड़ेगी जरुरत, रखें तैयारी
शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद का समाधान | Tirupati Laddu
जो लोग इस विवाद से परेशान हैं और खुद को अपवित्र महसूस कर रहे हैं, उनके लिए ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज ने प्रायश्चित का एक तरीका सुझाया है। शंकराचार्य का एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें उन्होंने पंचगव्य के सेवन द्वारा प्रायश्चित करने का उपाय बताया है।
पंचगव्य के द्वारा शुद्धिकरण
शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद का कहना है कि अगर कोई भूलवश अपवित्र चीज़ का सेवन कर चुका है, तो उसे परेशान होने की ज़रूरत नहीं है। प्राचीन शास्त्रों के अनुसार, पंचगव्य का सेवन करने से शरीर में प्रवेश किए हुए सभी दोष समाप्त हो सकते हैं। उनका कहना है कि पंचगव्य में इतनी शक्ति होती है कि यह शरीर के भीतर छिपे पापों को जलाकर नष्ट कर सकता है, जैसे आग ईंधन को भस्म कर देती है। पंचगव्य के सेवन से व्यक्ति अपने द्वारा किए गए पापों का प्रायश्चित कर सकता है और अपने शरीर को पवित्र बना सकता है।
पंचगव्य का महत्व | Tirupati Laddu
शंकराचार्य के अनुसार, पंचगव्य के सेवन से किसी भी प्रकार की अपवित्रता समाप्त हो जाती है और गौ माता की कृपा से सभी पाप नष्ट हो जाते हैं। पंचगव्य में गाय का दूध, दही, घी, गोबर, और गौमूत्र शामिल होते हैं, जो प्राचीन हिंदू धर्मशास्त्रों में पवित्र माने गए हैं।
इस प्रकार, यदि आपको लगता है कि आपने तिरुपति बालाजी के लड्डू खाकर अनजाने में कोई गलती की है, तो आप शंकराचार्य के बताए अनुसार पंचगव्य का सेवन करके प्रायश्चित कर सकते हैं और स्वयं को शुद्ध कर सकते हैं। इससे आपको मानसिक और धार्मिक शांति मिलेगी। Also Read – Tirupati Laddu : तिरुमला तिरुपति देवस्थानम् (TTD) के प्रसिद्ध लड्डू में जानवर की चर्बी मिलने का मामला