Sunita Williams – अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स की लंबी अवधि की अंतरिक्ष यात्रा में एक नई अड़चन आ गई है। 2025 तक पृथ्वी पर वापसी की उनकी योजना में अब एक बड़ा सवालिया निशान लग गया है।
विशेषज्ञों के अनुसार, लंबे समय तक अंतरिक्ष में रहने से मानव शरीर पर कई तरह के शारीरिक बदलाव होते हैं। हड्डियों का कमजोर होना, मांसपेशियों का सिकुड़ना और इम्यून सिस्टम का कमजोर होना कुछ प्रमुख समस्याएं हैं। सुनीता विलियम्स भी इन समस्याओं से जूझ रही हैं। Also Read – Cute Panda Video : क्यूट पांडा का ये मस्ती भरा अंदाज बना देगा आपका दिन
मस्क का स्पेसक्राफ्ट भी नहीं है समाधान | Sunita Williams
इलॉन मस्क के स्पेसएक्स कंपनी द्वारा विकसित किए गए नवीनतम स्पेसक्राफ्ट भी इस समस्या का समाधान नहीं हैं। हालांकि ये स्पेसक्राफ्ट तकनीकी रूप से काफी उन्नत हैं, लेकिन लंबी अवधि की अंतरिक्ष यात्रा के लिए अभी भी कई चुनौतियां हैं।
8 महीने में शरीर में होते हैं ये बदलाव:
अंतरिक्ष में 8 महीने बिताने के बाद मानव शरीर में कई महत्वपूर्ण बदलाव देखे जाते हैं
हड्डियों का कमजोर होना: शून्य गुरुत्वाकर्षण के कारण हड्डियां कमजोर होने लगती हैं।
मांसपेशियों का सिकुड़ना: शारीरिक गतिविधि कम होने के कारण मांसपेशियां सिकुड़ जाती हैं।
इम्यून सिस्टम का कमजोर होना: अंतरिक्ष विकिरण के कारण इम्यून सिस्टम कमजोर हो जाता है।
दृष्टि में बदलाव: अंतरिक्ष में दबाव के कारण आंखों की संरचना में बदलाव आ सकता है।
क्या है आगे का रास्ता? | Sunita Williams
सुनीता विलियम्स की वापसी में आ रही इस अड़चन ने वैज्ञानिकों के सामने एक नई चुनौती खड़ी कर दी है। वैज्ञानिक अब ऐसे उपाय खोजने में जुटे हैं जिनसे अंतरिक्ष यात्रियों को लंबी अवधि की अंतरिक्ष यात्रा के दौरान होने वाले शारीरिक बदलावों से बचाया जा सके।
निष्कर्ष:
अंतरिक्ष यात्रा मानव सभ्यता के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। लेकिन इस दिशा में आगे बढ़ने के लिए हमें अभी भी कई चुनौतियों का सामना करना है। सुनीता विलियम्स की यात्रा में आई इस अड़चन ने हमें एक बार फिर याद दिलाया है कि अंतरिक्ष यात्रा कितनी जटिल और चुनौतीपूर्ण है। Also Read – Viral Video : ढलान पर अचानक लुढ़कने लगा भारी भरकम ट्रक लड़की ने दिखाई बहादुरी