टेक इंडस्ट्री में भूचाल लाने वाला नाम – सोहम पारेख!
Soham Parekh Controversy – भारतीय मूल के सॉफ्टवेयर इंजीनियर Soham Parekh पर Moonlighting (एक साथ कई कंपनियों में काम करने) का आरोप लगा है। यह आरोप अमेरिका के प्रतिष्ठित टेक स्टार्टअप फाउंडर Suhail Doshi (Founder, Playground AI) ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर लगाए, जिसके बाद पूरा मामला तूल पकड़ गया।

कौन हैं Soham Parekh?
Soham Parekh एक भारतीय सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं जिन्होंने Mumbai University से ग्रैजुएशन और Georgia Institute of Technology से मास्टर्स किया है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, वे अमेरिका में रहते हुए एक साथ कई टेक स्टार्टअप्स जैसे Dynamo AI, Union AI, Synthesia, Alan AI और GitHub के ओपन-सोर्स प्रोजेक्ट्स में कार्यरत थे। Also Read – MP News : 1.30 करोड़ लाड़ली बहनों को मिलेगा पक्का घर !
Soham Parekh Controversy कैसे शुरू हुई?
विवाद की शुरुआत Suhail Doshi की एक ट्वीट से हुई, जिसमें उन्होंने लिखा कि Soham Parekh बिना जानकारी दिए एक साथ कई कंपनियों में काम कर रहे हैं। इसके बाद Lindy, Fleet AI, Antimetal, और Warp जैसे स्टार्टअप्स के फाउंडर्स ने भी सामने आकर आरोपों की पुष्टि की और उन्हें कंपनी से हटा दिया।
कितनी कंपनियों से जुड़े थे सोहम?
सूत्रों के अनुसार, सोहम कम से कम चार से पांच स्टार्टअप्स से एक साथ जुड़े हुए थे। जैसे ही यह खुलासा हुआ, अधिकतर कंपनियों ने उन्हें या तो निकाल दिया या ट्रायल खत्म कर दिया।
मूनलाइटिंग क्या है ? | Soham Parekh Controversy
Moonlighting का मतलब है — एक कंपनी में फुल टाइम जॉब करते हुए, दूसरी कंपनी में गुप्त रूप से नौकरी करना। यह अक्सर कंपनी की नीति के खिलाफ होता है। भारत में भी Wipro जैसी कंपनियों ने इस पर सख्त कदम उठाए हैं।
इंडस्ट्री दो धड़ों में बंटी
इस मूनलाइटिंग विवाद पर टेक इंडस्ट्री दो भागों में बंटी नजर आ रही है।
- एक ओर स्टार्टअप फाउंडर्स इसे धोखाधड़ी मानते हैं।
- दूसरी ओर कुछ लोग इसे रिमोट वर्क कल्चर की कमजोरी और युवाओं की आर्थिक मजबूरी कह रहे हैं।
Soham Parekh की चुप्पी और पछतावा
फिलहाल सोहम पब्लिकली कुछ नहीं बोले हैं, लेकिन Suhail Doshi ने बताया कि सोहम ने प्राइवेट मैसेज में खेद जताया और कहा – “क्या मैंने अपना पूरा करियर बर्बाद कर दिया?”
इस विवाद से उठते सवाल | Soham Parekh Controversy
- क्या रिमोट वर्क में Employee Verification सिस्टम फेल हो रहा है?
- क्या अब स्टार्टअप्स को कड़े कॉन्ट्रैक्ट और बैकग्राउंड चेक अपनाने चाहिए?
- क्या महंगाई के इस दौर में एक व्यक्ति को मल्टी-जॉब्स की अनुमति मिलनी चाहिए?
Soham Parekh Controversy अब सिर्फ एक कर्मचारी की नैतिकता का सवाल नहीं है, बल्कि पूरे टेक इंडस्ट्री के ट्रस्ट सिस्टम और वर्क कल्चर पर एक बड़ा सवालिया निशान है। आने वाले समय में इस मुद्दे पर सख्ती तय मानी जा रही है। Also Read – BAMS Colleges in MP : MP में BAMS छात्रों के लिए बड़ी खुशखबरी! 18 आयुर्वेद कॉलेजों को मिली मंजूरी