“हाथी घोड़ा पालकी, जय कन्हैया लाल की” के जयकारों से गूंजे बैतूल के प्रमुख मार्ग
Shri Krishna – बैतूल – डोल ग्यारस के पावन अवसर पर बैतूल में हर साल की तरह इस बार भी भगवान श्रीकृष्ण की भव्य शोभायात्रा निकाली गई। श्री राधाकृष्ण मंदिर गंज और श्री राम मंदिर रामनगर द्वारा आयोजित इस परंपरागत शोभायात्रा में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी। यात्रा का मार्ग पुष्पवर्षा, पूजन और आरती से सजीव रहा। हर जगह भगवान श्रीकृष्ण के प्रति श्रद्धा और भक्ति की अद्वितीय भावना नजर आई।
शोभायात्रा में श्रीकृष्ण के बाल गोपाल रूप को सजाए गए डोल को शहर के प्रमुख मार्गों से निकाला गया, जहाँ श्रद्धालुओं ने भव्य स्वागत किया। शोभायात्रा की विशेषता रहे भजन-कीर्तन, जिसमें पंडित नरेश शर्मा, नितिन शर्मा (पप्पू महाराज), राकेश मौर्य, और योगु महाराज ने भक्तों को “गोविंदा आला रे आला”, “श्याम मेरे आजा रे”, और “शोर मच गया शोर, देखो आया माखन चोर” जैसे मधुर भजनों से झूमने पर मजबूर कर दिया। Also Read – Lord Ganesha : लोहिया वार्ड में श्री गणेश की भव्य झांकी बनी आकर्षण का केंद्र
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75 वर्षों की परंपरा इस आयोजन का इतिहास करीब 75 साल पुराना है, जब किशनलाल शर्मा, राधे महाराज, लल्लू भार्गव, दुलीचंद पालीवाल जैसे श्रीकृष्ण भक्तों ने इसकी शुरुआत की थी। तब से यह परंपरागत शोभायात्रा बिना किसी रुकावट के हर साल निकाली जा रही है, और इसे जारी रखने का संकल्प मंदिर ट्रस्ट और भक्तों ने किया है।
शोभायात्रा का समापन | Shri Krishna
भगवान श्रीकृष्ण के डोल को बाल गोपाल के रूप में सजाकर प्रमुख मार्गों से होते हुए इसे श्री राधाकृष्ण मंदिर गंज लाया गया, जहां आरती और प्रसाद वितरण के साथ इस पवित्र आयोजन का समापन हुआ। इस दौरान श्रद्धालुओं ने भगवान के दर्शन किए और भक्ति के माहौल में डूबे रहे।
भक्तों और समाजसेवियों की भागीदारी इस शोभायात्रा में मंदिर समिति के सचिव और अग्रवाल समाज के अध्यक्ष प्रमोद अग्रवाल, अशोक दीक्षित, नरेश शर्मा, व्यापारी संघ के अध्यक्ष मनोज भार्गव, और अन्य कई प्रमुख लोग शामिल थे। आयोजन में प्रमोद अग्रवाल, अशोक दीक्षित, धीरू शर्मा, मयूर भार्गव, विवेक भार्गव सहित अनेक समाजसेवियों और भक्तों की भागीदारी रही, जिन्होंने इस धार्मिक आयोजन को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। Shri Krishna
यह शोभायात्रा बैतूल की धार्मिक परंपराओं में से एक प्रमुख आयोजन है, जो न केवल आध्यात्मिक उन्नति का प्रतीक है, बल्कि श्रीकृष्ण भक्ति की एक अनमोल धरोहर भी है। Also Read – Unique Initiative : पवित्र नदियों और तीर्थ स्थलों की मिट्टी से बनेगी विशाल महाकाल प्रतिमा: एक अद्वितीय पहल