Self-Medication – मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) डॉ. रविकांत उइके ने स्व-चिकित्सा (Self-Medication) के खतरों पर जोर देते हुए कहा कि यह सुविधा जनक लग सकती है, लेकिन यह गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकती है। उन्होंने बताया कि बिना चिकित्सकीय परामर्श के दवाओं का सेवन न केवल व्यक्तिगत स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है, बल्कि यह समुदाय के लिए भी खतरा उत्पन्न कर सकता है।
स्व-चिकित्सा के संभावित खतरे | Self-Medication
त्रुटिपूर्ण निदान:
बिना विशेषज्ञ की सलाह के इलाज से बीमारी की सही पहचान में देरी हो सकती है, जिससे उपचार प्रभावित होता है। Also Read – Betul News : बाबा काल भैरव की भव्य पेशवाई कल
अनुचित दवा खुराक:
दवाओं की सही जानकारी न होने पर उनकी अधिक या कम मात्रा का सेवन दुष्प्रभाव या जानलेवा परिस्थितियों का कारण बन सकता है।
लक्षणों का छुप जाना | Self-Medication
स्व-चिकित्सा से केवल लक्षणों को अस्थायी रूप से कम किया जा सकता है, लेकिन यह गंभीर बीमारियों को छुपा सकती है, जिससे उचित इलाज में देरी होती है।
एंटीबायोटिक प्रतिरोध:
एंटीबायोटिक का अनियंत्रित उपयोग बैक्टीरिया में प्रतिरोधक क्षमता उत्पन्न कर सकता है, जिससे ये दवाएं भविष्य में संक्रमण के खिलाफ बेअसर हो जाती हैं।
लत और निर्भरता का खतरा | Self-Medication
बिना चिकित्सकीय पर्यवेक्षण के ओपिओइड और सिडेटिव दवाओं का सेवन लत और मानसिक निर्भरता पैदा कर सकता है, जिससे मादक द्रव्य विकार और अन्य गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों की सलाह लें:
डॉ. उइके ने अपील की है कि लोग किसी भी प्रकार की बीमारी या लक्षणों के लिए चिकित्सकीय सलाह लें। दवाओं का सेवन डॉक्टर की पर्ची के आधार पर ही करें। अपने स्वास्थ्य को प्राथमिकता दें और स्व-चिकित्सा से बचें।
यह जानकारी जनहित में जारी की गई है ताकि लोग अपने स्वास्थ्य के प्रति अधिक जागरूक हो सकें और स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं। Also Read – Revenue Campaign 3.0 : राजस्व महाअभियान 3.0: बैतूल में राजस्व मामलों का त्वरित और प्रभावी समाधान