Rice Variety : खास ‘कतरनी’ चावल : स्वाद और सुगंध का अनमोल खजाना

Rice Variety: Special 'Katarni' Rice: A priceless treasure of taste and aroma.
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अपनी खासियतों की वजह से है काफी लोकप्रिय 

Rice Variety – बिहार के बक्सर जिले का ‘कतरनी’ चावल अपनी अनोखी खुशबू और स्वाद के लिए विश्वभर में प्रसिद्ध है। बक्सर, जो मुख्य रूप से कृषि और छोटे व्यवसायों पर निर्भर है, गंगा के मैदानी क्षेत्रों की उपजाऊ मिट्टी के कारण इस खास किस्म के चावल की खेती के लिए आदर्श जगह है। कतरनी चावल अपने छोटे दानों, सुगंध, और अद्वितीय स्वाद के लिए जाना जाता है, जिसकी मांग न केवल बिहार में बल्कि पूरे भारत में की जाती है।

कतरनी चावल की विशिष्टता | Rice Variety

कतरनी चावल का स्वाद और खुशबू इसे अन्य चावल की किस्मों से बिल्कुल अलग बनाते हैं। इसे पकाने से पहले और पकने के बाद, इसमें से पॉपकॉर्न जैसी सुगंध आती है, जो खाने वालों को तुरंत आकर्षित करती है। इसके छोटे और सुंदर दाने पकने पर एक समान दिखते हैं और अन्य चावल की तरह चिपकते नहीं हैं, जिससे यह कई प्रकार के व्यंजनों के लिए उपयुक्त है। Also Read – Radish Varieties : मूली की इन किस्मों की खेती करके मालामाल हो रहे हैं किसान भाई 

‘कतरनी’ नाम की उत्पत्ति

‘कतरनी’ नाम की उत्पत्ति ‘कटमी’ शब्द से मानी जाती है, जिसका अर्थ है एक नुकीला उपकरण जो लकड़ी या चमड़े में छेद करता है। इस चावल के दानों का आकार सुई की नोक जैसा होने के कारण इसे ‘कतरनी’ नाम दिया गया है। यह चावल दिखने में जितना आकर्षक है, उतनी ही इसकी बनावट और स्वाद में भी विशिष्टता है।

कैसे पकाएं कतरनी चावल | Rice Variety

कतरनी चावल को पकाने के कुछ खास तरीके हैं जो इसके स्वाद और गुणों को और भी बढ़ा देते हैं। इसे पकाने से पहले 2-3 घंटे तक भिगोकर रखना चाहिए। चावल पकाने के लिए 1:4 के अनुपात में पानी का उपयोग करें (1 कप चावल के लिए 4 कप पानी)। यदि कतरनी रॉ पॉलिश चावल का उपयोग कर रहे हैं, तो इसे पकाने से पहले 10 मिनट तक भिगोएं और 1:2.5 के अनुपात में पानी डालें। इस तरीके से पकाया गया कतरनी चावल अपने विशिष्ट स्वाद और सुगंध को पूरी तरह से बनाए रखता है।

कतरनी चावल की खासियत

कतरनी चावल की सबसे बड़ी खासियत उसकी सुगंध और स्वाद है, जो इसे भारत के अन्य चावल से अलग बनाते हैं। इसके दाने छोटे, नुकीले, और सभी एक जैसे दिखते हैं, जिससे यह देखने में भी सुंदर लगता है। इस चावल की खासियत न केवल उसके आकार और सुगंध में है, बल्कि इसके अनूठे स्वाद में भी है, जो किसी भी खाने को विशेष बना देता है। Also ReadMaize New Varieties : मक्के की ये 6 किस्में जो जलवायु परिवर्तन के लिहाज से हैं अनुकूल 

निष्कर्ष

कतरनी चावल बिहार की एक अनमोल धरोहर है, जिसका स्वाद और सुगंध इसे खास बनाते हैं। इसे खाना सिर्फ भूख मिटाने का नहीं, बल्कि एक अनूठे अनुभव का हिस्सा बनना है। अगर आप स्वादिष्ट और सुगंधित चावल की तलाश में हैं, तो कतरनी चावल जरूर आजमाएं।

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