केंद्र कर दिया स्पष्ट की दोनों ओर से नियमित हो भागीदारी
Politics – केंद्र सरकार के नए आदेश से राज्य सरकारों की चिंताएं बढ़ गई हैं। केंद्र ने साफ कर दिया है कि केंद्र प्रायोजित योजनाओं में राज्यों को तब तक केंद्र से अनुदान नहीं मिलेगा जब तक राज्य सरकारें अपनी हिस्सेदारी की राशि जमा नहीं कर देतीं। इस निर्देश के चलते राज्य में चल रही योजनाओं की गति धीमी पड़ने की आशंका बढ़ गई है।
अक्सर देखा गया है कि राज्य सरकारें अपनी हिस्सेदारी जमा करने में देरी करती हैं, जिससे केंद्र की ओर से मिलने वाली राशि किसी खाते में पड़ी रहती है या फिर किसी अन्य मद में इस्तेमाल हो जाती है। अब केंद्र और राज्य सरकारें एनएसए अकाउंट में खाता खोलकर यह सुनिश्चित कर सकेंगी कि दोनों ओर से वित्तीय भागीदारी नियमित हो, जिससे योजनाओं की रफ्तार बनी रहे। Also Read – MP News : आबकारी नीति में सरकार ने किया बदलाव, हेरिटेज मदिरा को लेकर लिया गया ये फैसला
इस समस्या के समाधान के लिए उठाया गया कदम | Politics
झारखंड में कई बार यह देखा गया है कि केंद्र से प्राप्त राशि खाते में पड़ी रह जाती है और धरातल पर काम शुरू नहीं हो पाता। इस समस्या को हल करने के लिए केंद्र सरकार ने यह कदम उठाया है। बिहार, छत्तीसगढ़ समेत सभी राज्यों को इस संबंध में पत्र भेजे गए हैं।
इस नए आदेश ने उन विभागों के लिए कठिनाई बढ़ा दी है, जो केंद्रीय योजनाओं के तहत राज्यांश जमा करने में देरी कर रहे थे। नई व्यवस्था के तहत, अब यदि राज्यांश मिलने में केंद्रांश मिलने के बाद एक महीने या 30 दिनों से अधिक की देरी होती है, तो जुर्माना लगाया जाएगा।
केंद्र सरकार का यह नया आदेश 1 अप्रैल से लागू हो चुका है। इसके अनुसार, यदि राज्य सरकार योजना के सिंगल नोडल एजेंसी खाते में राशि जमा करने में 30 दिनों की देरी करती है, तो उसे 7 प्रतिशत की दर से जुर्माने के रूप में ब्याज चुकाना होगा।
नई व्यवस्था के फायदे और नुकसान इस प्रकार हैं | Politics
अब राज्य सरकारें केंद्र की राशि को अन्य कार्यों में खर्च नहीं कर पाएंगी।
केंद्र और राज्य की साझेदारी वाली योजनाएं अब देरी का शिकार नहीं होंगी।
राज्य सरकार को अपनी हिस्सेदारी की राशि समय पर जमा करनी होगी, अन्यथा जुर्माना देना पड़ेगा।
जनहित की योजनाएं अब धन की कमी के कारण प्रभावित नहीं होंगी।
इस नए नियम से यह भी स्पष्ट हो जाएगा कि योजनाओं का लाभ देने में देरी किसकी वजह से हो रही है। Also Read – MP Teachers : सरकार के इस फैसले के बाद बदल जाएगा शिक्षकों के काम करने का तरीका