जानें Pusa Wheat 3386 की खासियत
new variety of wheat – रबी सीजन के लिए गेहूं की बुवाई की तैयारी कर रहे किसानों के लिए भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (IARI) ने एक नई, उन्नत गेहूं की किस्म पेश की है – Pusa Wheat 3386, जिसे HD3386 भी कहा जाता है। यह किस्म विशेष रूप से पत्ती धब्बा और पीला धब्बा रोगों के प्रति प्रतिरोधी है, जिससे किसानों को न केवल अधिक उपज मिलती है, बल्कि रोगों और कीटों से होने वाले खर्च में भी कमी आती है।
उपज और स्वास्थ्य लाभ | new variety of wheat
Pusa Wheat 3386 किस्म मात्र 145 दिन में तैयार होती है और प्रति हेक्टेयर 63 क्विंटल से अधिक पैदावार देती है। इसके अतिरिक्त, इस गेहूं में आयरन (41.1 पीपीएम) और जिंक (41.8 पीपीएम) का अच्छा मात्रा होता है, जो पोषण के लिए लाभकारी है। Also Read – Kisan News : किसानों को आत्मनिर्भर बनाकर व्यवसाय के नए अवसर प्रदान किए जाएंगे : विधायक चंद्रशेखर देशमुख
बुवाई के लिए उपयुक्त क्षेत्र
IARI के वैज्ञानिकों ने इस किस्म की बुवाई के लिए कई राज्यों की सिफारिश की है, जिनमें पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, जम्मू-कश्मीर के कुछ हिस्से, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के तराई क्षेत्र शामिल हैं। हालांकि, राजस्थान के कोटा और उदयपुर डिवीजन तथा यूपी के झांसी डिवीजन में इसकी बुवाई के लिए सलाह नहीं दी गई है।
पुरानी किस्म की जगह लेगी नई किस्म | new variety of wheat
Pusa Wheat 3386 ने HD 2967 (Pusa Wheat 2967) किस्म की जगह ले ली है, जो 2010 में विकसित की गई थी। पिछले सीजन में Wheat 2967 किस्म को देश के कुल बोए गए गेहूं क्षेत्र का लगभग 25% हिस्सा दिया गया था, जिसमें उसकी उपज मात्र 22 क्विंटल प्रति एकड़ थी। नई किस्म, Pusa Wheat 3386, इससे कहीं अधिक, 25 क्विंटल प्रति एकड़ की उपज देती है।
किसानों के लिए एक बेहतर विकल्प
यह नई किस्म किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण विकल्प साबित हो सकती है, जिससे न केवल उनकी पैदावार में वृद्धि होगी, बल्कि रोगों के प्रति सुरक्षा भी सुनिश्चित होगी। IARI की सलाह है कि किसान इस रबी सीजन में निर्धारित क्षेत्रों में Pusa Wheat 3386 की बुवाई करें और बेहतर फसल का लाभ उठाएं। Also Read – Kisan Ka Jugaad : किसान ने बनाई अनोखी मशीन: उपले बनेंगे बिना हाथ लगाए