संपत्ति का ब्यौरा देना अनिवार्य, वरना होगी कार्रवाई
MP Sarkari Karmchari – मध्य प्रदेश सरकार ने सभी सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों को अपनी संपत्ति का विवरण प्रस्तुत करने का आदेश दिया है। यह कदम हाल ही में परिवहन विभाग के एक पूर्व आरक्षक से जुड़े विवाद के बाद उठाया गया है, जिसमें सरकार की काफी आलोचना हुई थी। सामान्य प्रशासन विभाग (GAD) ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि सभी कर्मचारी 31 जनवरी 2025 तक अपनी संपत्ति का विवरण जमा करें। समय सीमा के भीतर जानकारी न देने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
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क्या है निर्देशों का मुख्य उद्देश्य? | MP Sarkari Karmchari
सरकार का यह आदेश पारदर्शिता बढ़ाने और भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने के उद्देश्य से जारी किया गया है। कर्मचारियों को अपनी संपत्ति का ब्यौरा निर्धारित फॉर्मेट में देना होगा। इसमें उन्हें निम्नलिखित जानकारी शामिल करनी होगी: Also Read – MP Sarkari Karmchari : मध्य प्रदेश के कर्मचारियों के लिए सख्त निर्देश
पद और वेतनमान: वे किस पद पर कार्यरत हैं और उनकी कुल आय कितनी है।
पदस्थापना का स्थान: वर्तमान में किस जिले में कार्यरत हैं।
संपत्ति का विवरण:नौकरी में आने से लेकर अब तक उन्होंने और उनके परिवार ने कितनी अचल संपत्ति खरीदी।संपत्ति खरीदने की समयावधि और उसकी मौजूदा कीमत।संपत्ति से होने वाली आय का विवरण।
हर साल संपत्ति का ब्यौरा देना अनिवार्य
मध्य प्रदेश सरकार ने 2010 में ही यह नियम लागू किया था कि सभी सरकारी कर्मचारी और अधिकारी हर साल अपनी अचल संपत्ति का विवरण प्रस्तुत करेंगे। इसके लिए सामान्य प्रशासन विभाग ने एक फॉर्मेट जारी किया था, जिसमें कर्मचारियों को हर साल अपनी संपत्ति की जानकारी भरनी होती है।
वेबसाइट पर जानकारी अपलोड करने का निर्देश | MP Sarkari Karmchari
सरकार ने यह भी निर्देश दिया है कि सभी विभाग अपनी वेबसाइट पर कर्मचारियों की संपत्ति का विवरण सार्वजनिक करें। हालांकि, कई विभाग इस नियम का पालन नहीं कर रहे हैं, जिसके चलते पारदर्शिता पर सवाल उठ रहे हैं। Also Read – MP Cabinet Meeting : साल 2025 में मध्यप्रदेश कैबिनेट की पहली बैठक
नियमों का पालन न करने पर होगी कार्रवाई
सरकार ने स्पष्ट किया है कि जो कर्मचारी या अधिकारी निर्धारित समय सीमा तक अपनी संपत्ति का ब्यौरा नहीं देंगे, उनके खिलाफ कठोर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। यह कदम सरकारी प्रक्रियाओं में पारदर्शिता लाने और भ्रष्टाचार को रोकने के लिए उठाया गया है।
निष्कर्ष | MP Sarkari Karmchari
मध्य प्रदेश सरकार का यह आदेश न केवल पारदर्शिता बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, बल्कि यह सरकारी कर्मचारियों को जवाबदेह बनाने का भी प्रयास है। सभी कर्मचारियों और अधिकारियों को इस आदेश का पालन करना चाहिए ताकि प्रशासन में विश्वास और ईमानदारी बनी रहे। Also Read – MP Board 10th और 12th Exam 2025 : नए पैटर्न के साथ छात्रों की तैयारी को मिलेगा बढ़ावा