MP Private School : मध्य प्रदेश में निजी स्कूलों की मनमानी पर लगेगी लगाम

MP Private School: The arbitrariness of private schools in Madhya Pradesh will be curbed
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फीस संशोधन विधेयक 2024 पारित

MP Private School – मध्य प्रदेश विधानसभा ने निजी विद्यालय फीस संशोधन विधेयक 2024 को मंजूरी दे दी है। इस विधेयक के जरिए निजी स्कूलों की फीस और परिवहन सेवाओं से संबंधित मनमानी पर रोक लगाई जाएगी। शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह ने इस कदम को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि यह निर्णय छात्रों और अभिभावकों को राहत प्रदान करेगा।

MP Private School: The arbitrariness of private schools in Madhya Pradesh will be curbed
MP Private School: The arbitrariness of private schools in Madhya Pradesh will be curbed

नए नियमों के प्रमुख बिंदु | MP Private School

फीस वृद्धि पर नियंत्रण:₹25,000 से अधिक फीस लेने वाले स्कूलों को अब जिला या विभागीय समिति से मंजूरी के बिना फीस नहीं बढ़ाने दी जाएगी।सभी स्कूलों को अपनी फीस संरचना और परिवहन शुल्क पोर्टल पर अपलोड करना अनिवार्य होगा। Also Read – MP Kisan : एमपी के किसानों के लिए महत्वपूर्ण अपडेट

परिवहन सेवाओं पर निगरानी:निजी स्कूलों द्वारा प्रदान की जाने वाली परिवहन सेवाओं की निगरानी की जाएगी।प्रति किलोमीटर के आधार पर शुल्क की जानकारी पोर्टल पर उपलब्ध करानी होगी।

आरटीई के तहत समानता:आरटीई (शिक्षा का अधिकार) के तहत आने वाले स्कूलों में जाति या अन्य किसी आधार पर भेदभाव की अनुमति नहीं होगी।

समिति का गठन:शिक्षा मंत्री की अध्यक्षता में एक समिति बनाई जाएगी।इसमें स्कूल शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारी शामिल होंगे।समिति फीस और अन्य विवादों का समाधान करेगी।

नए नियमों का उद्देश्य

इस विधेयक का उद्देश्य शिक्षा व्यवस्था को अधिक पारदर्शी और नियंत्रित बनाना है। छात्रों और अभिभावकों को वित्तीय शोषण से बचाने के लिए यह एक बड़ा कदम है।

शिक्षा मंत्री का बयान | MP Private School

शिक्षा मंत्री ने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नई शिक्षा नीति का पालन करते हुए मध्य प्रदेश में यह ऐतिहासिक निर्णय लिया गया है। इससे बेहतर शिक्षा व्यवस्था सुनिश्चित होगी और निजी स्कूलों की मनमानी पर रोक लगेगी।”

अभिभावकों और छात्रों को होगा लाभ

इस विधेयक के लागू होने से निजी स्कूलों की फीस में अनुचित बढ़ोतरी और परिवहन सेवाओं में मनमानी समाप्त होगी। यह कदम प्रदेश की शिक्षा प्रणाली को अधिक व्यवस्थित और प्रभावी बनाएगा।यह विधेयक मध्य प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था में एक सकारात्मक बदलाव का प्रतीक है। अभिभावकों और छात्रों के हित में लाए गए इन नियमों से शिक्षा का स्तर और पारदर्शिता दोनों में सुधार होगा। Also Read – MPESB Bharti : मंडल ने निकाली बंपर वेकेंसी : जल्द शुरू होगी आवेदन प्रक्रिया

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