भोपाल में झुग्गी-मुक्त शहर की बड़ी प्लानिंग शुरू
MP News – भोपाल | मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में मध्यप्रदेश सरकार ने एक बड़ा और ऐतिहासिक फैसला लेते हुए 1.30 करोड़ लाड़ली बहनों को पक्के आवास देने की योजना पर काम शुरू कर दिया है। इसके तहत शहरी झुग्गी क्षेत्रों को हटाकर वहां किफायती और सुविधाजनक आवास तैयार किए जाएंगे।

भोपाल के बड़े तालाब के आसपास अतिक्रमण हटेगा
मुख्यमंत्री ने भोपाल के बड़े तालाब के किनारे बसे अवैध निर्माणों का सर्वेक्षण कर हटाने के निर्देश नगरीय विकास विभाग को दिए हैं। उन्होंने अफसरों से कहा है कि अब समय आ गया है कि झुग्गी मुक्त शहर की दिशा में ठोस कार्रवाई की जाए। Also Read – BAMS Colleges in MP : MP में BAMS छात्रों के लिए बड़ी खुशखबरी! 18 आयुर्वेद कॉलेजों को मिली मंजूरी
शहरी गरीबों के लिए सस्ती आवास योजना
सीएम ने कहा कि शहरी कॉलोनियों के विकास में देश के प्रमुख बिल्डर्स और कॉलोनाइजर्स को जोड़ा जाए। इससे लाड़ली बहनों को पक्का घर और बुनियादी सुविधाएं मिलने का रास्ता साफ होगा।
वर्तमान में मध्यप्रदेश में PMAY Urban (प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी) के पहले चरण में 8.55 लाख घर पूरे हो चुके हैं। दूसरे चरण में 4 लाख से अधिक आवेदन प्राप्त हो चुके हैं।
सीएम का निर्देश – बनाएं स्मार्ट और ग्रीन शहर
मुख्यमंत्री ने सभी शहरी निकायों, विकास प्राधिकरणों और हाउसिंग बोर्ड को निर्देश दिए कि हर आवासीय परियोजना में हरियाली को बढ़ावा दें। इसके तहत पार्क, पौधरोपण, और ओपन स्पेस को प्राथमिकता दी जाएगी।
धर्मस्थलों पर बढ़ेगी दीनदयाल रसोई योजना
बैठक में सीएम ने निर्देश दिया कि दीनदयाल रसोई योजना को धार्मिक स्थलों में विस्तार दिया जाए और इसमें स्वयंसेवी संस्थाएं व निजी दानदाता भी जुड़ें। इससे गरीबों और यात्रियों को सस्ती दर पर भोजन उपलब्ध हो सकेगा।
महिला समूहों को लांड्री हब बनाने की योजना
शहरी स्व-सहायता समूहों को आधुनिक लॉन्ड्री शुरू करने के लिए वित्तीय सहायता और स्थान प्रदान किया जाएगा, जिससे महिलाओं को रोजगार मिलेगा और सामाजिक-आर्थिक सशक्तिकरण को बढ़ावा मिलेगा।
धार्मिक और पर्यटन शहरों के लिए इंटीग्रेटेड डेवलपमेंट प्लान
नगरीय विकास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने बताया कि चित्रकूट जैसे धार्मिक शहरों के लिए ₹2800 करोड़ की योजना बनाई गई है। इसमें से ₹800 करोड़ का DPR तैयार किया जा चुका है।
2027 तक पूरी तरह चालू होगी भोपाल-इंदौर मेट्रो
बैठक में यह भी बताया गया कि भोपाल और इंदौर मेट्रो प्रोजेक्ट को 2027 तक पूरी तरह संचालित करने का लक्ष्य है। इसके साथ ही 1070 करोड़ की लागत से 1062 नगरीय अधोसंरचना परियोजनाएं भी मंजूर की गई हैं। Also Read – GST Rate cut 2025 : टूथपेस्ट, जूते और बर्तन अब होंगे और सस्ते ?