नया नक्शा और विकास की नई दिशा
मध्यप्रदेश में अब तक का सबसे बड़ा बदलाव हुआ है, जिसमें 792 गांवों का पुनर्निर्धारण किया गया है और इनका नया नक्शा तैयार करने का काम शुरू हो गया है। इन गांवों का विकास अब नए सिरे से किया जाएगा, जिससे ग्रामीणों को बेहतर सुविधाएं मिल सकेंगी। यह पहल बंटवारे, नामांतरण और फसलों की गिरदावरी जैसी प्रक्रियाओं को संभव बनाएगी।
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वन ग्रामों को राजस्व ग्राम में परिवर्तित करना | MP News
राज्य सरकार ने 6 महीने का विशेष अभियान चलाकर 792 गांवों को वन ग्राम से राजस्व ग्राम में बदल दिया है। मध्यप्रदेश में पहले 827 वन ग्राम थे, जिनमें से 792 को अब राजस्व ग्राम में बदलने का कार्य पूरा किया जा चुका है। शेष 35 गांवों को वीरान होने, विस्थापित होने या डूब क्षेत्र में होने के कारण इस परिवर्तन की आवश्यकता नहीं रही। इन 792 गांवों के राजस्व ग्राम बनने के बाद, इनका गजट नोटिफिकेशन भी जारी किया जा चुका है। Also Read – MPESB Bharti : इंतजार खत्म, एमपी में फरवरी से शुरू होंगी भर्ती और प्रवेश परीक्षाएं
नया नक्शा और ग्रामीणों के लिए सहूलतें
राजस्व विभाग ने इन गांवों के लिए नया नक्शा बनाने का काम शुरू कर दिया है। भू-अभिलेख और नक्शा तैयार होने के बाद, इन गांवों में आंगनवाड़ी, स्कूल भवन, स्वास्थ्य सुविधाएं, बिजली, पानी, सड़क जैसी मूलभूत सुविधाएं प्रदान की जा सकेंगी। इसके अलावा, प्राकृतिक आपदाओं के दौरान किसानों को फसल बीमा योजना का भी लाभ मिलेगा।
बंटवारा और नामांतरण के साथ फसल गिरदावरी | MP News
राजस्व ग्राम बनने से, इन गांवों में जमीन का बंटवारा और नामांतरण की प्रक्रिया हो सकेगी, साथ ही फसलों की गिरदावरी भी संभव होगी। ग्राम सभा के माध्यम से वनवासियों के कल्याण के लिए भी योजनाओं का क्रियान्वयन किया जाएगा।
गांवों का वितरण और राजस्व ग्राम बनने की प्रक्रिया
राजस्व ग्राम बनने वाले गांवों का वितरण इस प्रकार है: Also Read – MP Nursing College : खुशखबरी, नर्सिंग कॉलेजों को मिली मान्यता
- बैतूल: 91 वन ग्राम
- डिंडौरी: 86 वन ग्राम
- मंडला: 75 वन ग्राम
- खरगौन: 65 वन ग्राम
- बड़वानी: 64 वन ग्राम
- खंडवा: 51 वन ग्राम
- सीहोर: 49 वन ग्राम
- छिंदवाड़ा: 48 वन ग्राम
- बालाघाट: 46 वन ग्राम
- हरदा: 42 वन ग्राम
- बुरहानपुर: 37 वन ग्राम
- सिवनी: 28 वन ग्राम
- नर्मदापुरम: 24 वन ग्राम
इसके अलावा, भोपाल में 14, धार में 13, देवास में 12, सिंगरौली में 11, नरसिंहपुर में 10 और अन्य जिलों में भी कुछ गांवों को राजस्व ग्राम का दर्जा दिया गया है।
यह पहल मध्यप्रदेश के ग्रामीण इलाकों में विकास को नई दिशा देने के साथ-साथ ग्रामीणों की जीवनशैली में सुधार लाने में सहायक साबित होगी। Also Read – MP Sarkari Karmchari : एमपी के कर्मचारियों-अधिकारियों को बड़ी सौगात