Former cabinet minister Kamal Patel : 5 बार के विधायक बने सांसद प्रतिनिधि, कांग्रेस पर कसा तंज

Former cabinet minister Kamal Patel: 5-time MLA became MP representative, took a jibe at Congress
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बोले- जिम्मेदारी मुझे मिली, कांग्रेस के पेट में दर्द क्यों

Former cabinet minister Kamal Patel – केंद्रीय राज्य मंत्री दुर्गादास ऊईके ने पूर्व कैबिनेट मंत्री कमल पटेल को अपना सांसद प्रतिनिधि नियुक्त किया है, जिसे लेकर राजनीतिक गलियारों में चर्चाएं तेज हो गई हैं। हरदा जिले में यह संभवतः पहली बार है कि किसी पूर्व मंत्री को सांसद प्रतिनिधि के रूप में नियुक्त किया गया हो। इस नियुक्ति पर कमल पटेल ने चुटकी लेते हुए कहा, “जब मुझे जिम्मेदारी मिली, तो कांग्रेस को परेशानी क्यों हो रही है? जहां मैं जाऊंगा, वहां अब कांग्रेस की नहीं चलेगी।”

जनसेवा की जिम्मेदारी | Former cabinet minister Kamal Patel

हरदा दौरे के दौरान सांसद दुर्गादास ऊईके ने बताया कि उनके जिले में कोई विधायक नहीं होने के चलते यह महत्वपूर्ण था कि एक ऐसा व्यक्ति चुना जाए जो जिले के अंतिम व्यक्ति तक सरकारी योजनाओं को पहुंचा सके। उन्होंने कहा, “कमल पटेल को यह दायित्व सौंपा गया है क्योंकि वे राज्य और केंद्र सरकार की नीतियों को बेहतर ढंग से लागू करने और प्रशासनिक ढांचे को सुदृढ़ बनाने में सक्षम हैं।” Also Read – Jobs In MP : अच्छी सैलरी के साथ सरकारी नौकरी पाने का ये हैं गोल्डन चांस 

कमल पटेल का बयान

पूर्व मंत्री एवं सांसद प्रतिनिधि के तौर पर कमल पटेल ने कहा, “जब भाजपा में किसी को जिम्मेदारी सौंपी जाती है, तो विरोधियों के पेट में दर्द क्यों होता है? कांग्रेस को चिंता इस बात की है कि अब हमारी उपस्थिति में उनकी योजनाएं और रणनीतियां नहीं चल पाएंगी। हमारा मकसद सत्ता हासिल करना नहीं, बल्कि सेवा करना है, और यह दायित्व मेरे लिए एक सम्मान की बात है, न कि कोई पद।”

कांग्रेस का पलटवार | Former cabinet minister Kamal Patel

कांग्रेस प्रवक्ता आदित्य गर्ग ने इस नियुक्ति पर कटाक्ष करते हुए कहा, “कमल पटेल की यह भूमिका उसी तरह की है जैसे कोई मैरिट होल्डर छात्र एमए की पढ़ाई के बाद 8वीं कक्षा में दाखिला ले ले। एक समय वह खुद को मुख्यमंत्री पद का दावेदार बता चुके थे, और अब वे पंच के नीचे काम कर रहे हैं। यह उनकी सत्ता में बने रहने की लालसा को दर्शाता है।”

इस नियुक्ति से यह साफ हो गया है कि आने वाले समय में हरदा जिले की राजनीतिक गतिविधियां दिलचस्प मोड़ ले सकती हैं, और भाजपा तथा कांग्रेस के बीच तनाव बढ़ने की संभावना है। Also Read – Lakhpati Didi campaign : इस साल 5 हजार महिलाएं बनेंगी “लखपति दीदी”

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