डिजिटल प्रमाण-पत्र की सुविधा
Digital Certificate – बैतूल – मध्यप्रदेश सरकार ने जन्म और मृत्यु रजिस्ट्रीकरण नियम, 2024 को लागू करने की मंजूरी दे दी है। यह नियम भारत सरकार के महा-रजिस्ट्रार कार्यालय द्वारा जारी प्रारूप के अनुरूप तैयार किया गया है। इसके तहत जन्म और मृत्यु प्रमाण-पत्र के डिजिटल रजिस्ट्रेशन और इलेक्ट्रॉनिक प्रमाणन की सुविधा प्रदान की जाएगी। साथ ही, इस नियम के जरिए 1999 के पुराने नियमों में संशोधन किया गया है।
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मुख्य बिंदु | Digital Certificate
- डिजिटल रजिस्ट्रीकरण और प्रमाणन
- जन्म और मृत्यु के प्रमाण-पत्र अब डिजिटल माध्यम से जारी होंगे।
- राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर रजिस्टर्ड डाटा का एकीकृत डेटाबेस तैयार किया जाएगा। Also Read – MP Politics : एमपी को 15 जनवरी तक मिल सकता है नया बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष
- विशेष प्रावधान
- दत्तक, अनाथ, परित्यक्त, सरोगेसी और अविवाहित माता-पिता के बच्चों की रजिस्ट्रीकरण प्रक्रिया को सरल बनाया गया है।
- किसी आपदा या महामारी के दौरान मृत्यु का त्वरित रजिस्ट्रीकरण और प्रमाणन के लिए विशेष उप-रजिस्ट्रार की नियुक्ति होगी।
- विलंबित रजिस्ट्रीकरण
- 30 दिन से 1 वर्ष के भीतर सूचना देने पर स्व-अनुप्रमाणित दस्तावेज मान्य होंगे।
- 1 वर्ष से अधिक विलंब की स्थिति में जिला या उपखंड मजिस्ट्रेट से प्रमाणन की आवश्यकता होगी।
पेंशनधारियों के लिए साइबर सुरक्षा चेतावनी | Cyber Security Alert
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साथ ही, सरकार ने पेंशनधारकों को साइबर अपराधियों द्वारा फर्जी कॉल्स से सतर्क रहने की सलाह दी है।
क्या है खतरा?
साइबर अपराधी पेंशनधारकों का व्यक्तिगत डेटा (जैसे पीपीओ नंबर, आधार नंबर, सेवानिवृत्ति तिथि) बताकर जीवन प्रमाण-पत्र अपडेट करने के लिए ओटीपी साझा करने की मांग कर रहे हैं।
कैसे बचें?
- पेंशन निदेशालय कभी भी कॉल के माध्यम से जीवन प्रमाण-पत्र अपडेट नहीं करता।
- ओटीपी साझा न करें, क्योंकि इससे बैंक खाते का नियंत्रण साइबर अपराधियों को मिल सकता है।
- किसी भी संदिग्ध कॉल पर सतर्क रहें और जानकारी साझा करने से बचें। Also Read – MP Transfer : 2025 में मोहन सरकार की प्रशासनिक सर्जरी