Desi Tareeka : सर्दियों में रतालू उगाने का ये देसी तरीका जान लिया तो बाजार से सब्जी खरीदना भूल जाएंगे !

Desi Tareeka: If you know this indigenous way of growing yam in winter, then you will forget buying vegetables from the market!
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Gardening Tips: किचन गार्डन में ऐसे उगाएं रतालू, सर्दियों की सेहत का पावरहाउस

Desi Tareeka{Gardening Tips} : सर्दियों का मौसम किचन गार्डनिंग के शौकीनों के लिए किसी वरदान से कम नहीं होता। इस मौसम में कई ऐसी सब्जियां होती हैं जो स्वाद और सेहत दोनों में बेहतरीन मानी जाती हैं। इन्हीं में से एक है रतालू, जिसे सर्दियों की सबसे पौष्टिक और ऊर्जा देने वाली सब्जियों में गिना जाता है। खास बात यह है कि अब रतालू को घर के किचन गार्डन में भी बेहद आसान तरीके से उगाया जा सकता है।

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Desi Tareeka : सर्दियों में रतालू उगाने का ये देसी तरीका जान लिया तो बाजार से सब्जी खरीदना भूल जाएंगे !

रतालू एक जमीन के अंदर उगने वाली कंद सब्जी है, जो ठंड के मौसम में शरीर को गर्म रखने और ताकत देने का काम करती है। यही वजह है कि सर्दियों के दिनों में रतालू की सब्जी, चाट या फ्राई हर जगह खूब पसंद की जाती है। आयुर्वेद में भी रतालू को बलवर्धक और ऊर्जा बढ़ाने वाला माना गया है। Also Read – Cobra Snake in village | 10 फीट लंबा किंग कोबरा देखकर गांव वालों के छूटे पसीने, भागते हुए देख रहे रह गए लोग


किचन गार्डन में रतालू उगाने के फायदे

घर पर उगाया गया रतालू न केवल ताजा और स्वादिष्ट होता है, बल्कि पूरी तरह केमिकल-मुक्त भी होता है। इससे बाजार पर निर्भरता कम होती है और परिवार को शुद्ध सब्जी मिलती है। इसके लिए बहुत ज्यादा जगह की भी जरूरत नहीं होती। आप इसे गमले, ग्रो बैग या बैकयार्ड की मिट्टी में आसानी से लगा सकते हैं।


रतालू लगाने की सही विधि | Desi Tareeka{Gardening Tips}

रतालू की अच्छी पैदावार के लिए भुरभुरी, उपजाऊ और अच्छी जल निकासी वाली मिट्टी सबसे उपयुक्त मानी जाती है। रतालू के कंद को छोटे-छोटे टुकड़ों में काटकर लगभग 5 से 7 इंच गहराई में मिट्टी में लगाएं। रोपण से पहले मिट्टी में गोबर की खाद या वर्मी कम्पोस्ट मिलाने से पौधे की शुरुआती बढ़वार मजबूत होती है और कंद अच्छे आकार के बनते हैं।


धूप और सहारा है जरूरी

रतालू का पौधा बेलदार होता है, इसलिए इसकी सही बढ़त के लिए सहारा देना बहुत जरूरी होता है। आप इसे जाली, लकड़ी या दीवार के पास लगा सकते हैं, जिससे बेल ऊपर चढ़ सके। पौधे को रोजाना हल्की धूप मिलना आवश्यक है। ज्यादा छांव में लगाने से पौधा कमजोर रह सकता है और उपज कम हो सकती है।


सर्दियों में रतालू खाने के फायदे | Desi Tareeka{Gardening Tips}

रतालू में भरपूर मात्रा में कार्बोहाइड्रेट होता है, जो शरीर को तुरंत ऊर्जा देता है। इसके अलावा इसमें मौजूद फाइबर पाचन तंत्र को मजबूत करता है और कब्ज जैसी समस्याओं से राहत दिलाता है। सर्दियों में इसका सेवन शरीर को अंदर से गर्म रखता है और कमजोरी दूर करने में मदद करता है।


देखभाल और कटाई का सही समय

रतालू के पौधे की देखभाल ज्यादा कठिन नहीं होती। समय-समय पर हल्की सिंचाई करें, लेकिन ध्यान रखें कि पानी जमा न हो, वरना कंद सड़ सकते हैं। खरपतवार हटाते रहें और महीने में एक बार जैविक खाद डालें। लगभग 7 से 9 महीनों में पौधा पूरी तरह तैयार हो जाता है। जब पत्तियां पीली होकर सूखने लगें, तो समझ लें कि रतालू निकालने का सही समय आ गया है। Also Read – Betul Viral News | सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के बीएमओ का वीडियो सोशल मीडिया पर ट्रेंडिंग


घर में उगाया रतालू क्यों है खास?

किचन गार्डन में उगाया गया रतालू स्वाद, गुणवत्ता और पोषण के मामले में बाजार की सब्जियों से कहीं बेहतर होता है। इसमें किसी भी तरह के रासायनिक खाद या कीटनाशक का इस्तेमाल नहीं होता, जिससे यह पूरी तरह सुरक्षित रहता है। सर्दियों में रतालू उगाकर आप कम मेहनत में अच्छी पैदावार, खर्च में बचत और गार्डनिंग का सुकून – तीनों का आनंद ले सकते हैं।

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