Chane Ki Variety – रबी सीजन की बुवाई का समय आ गया है, और किसान खेतों की तैयारी में जुट गए हैं। इस दौरान चने की उन्नत किस्मों का चयन कर अधिक पैदावार हासिल की जा सकती है। भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (IARI) ने “पूसा चना 20211 देसी (पूसा मानव)” नामक नई किस्म विकसित की है, जो 32.9 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक की पैदावार देने में सक्षम है। इस किस्म का प्रयोग मध्य भारत के राज्यों – गुजरात, महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश में विशेष रूप से सफल माना गया है। Also Read – new variety of wheat : HD-3385: किसानों के लिए एक सुनहरा अवसर
पूसा चना 20211 देसी (पूसा मानव) की खास विशेषताएं | Chane Ki Variety
जल्दी पकने वाली किस्म: यह किस्म केवल 108 दिनों में तैयार हो जाती है।
रोग प्रतिरोधक क्षमता: यह किस्म फुसैरियम विल्ट रोग के प्रति प्रतिरोधी है और जड़ गलन, कॉलर रॉट, स्टंट व फली भेदक के प्रति मध्यम प्रतिरोधक मानी गई है।
प्रोटीन और वजन: 100 बीजों का वजन लगभग 19.5 ग्राम होता है, और इसमें 18.9% प्रोटीन की मात्रा होती है।
उच्चतम पैदावार: औसतन 23.9 क्विंटल प्रति हेक्टेयर की पैदावार देती है, जबकि अधिकतम पैदावार 32.9 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक होती है।
उन्नत बुवाई तकनीक
अधिक पैदावार के लिए इस किस्म की बुवाई अक्टूबर के पहले और दूसरे पखवाड़े में करें। अच्छी जल निकासी वाली दोमट मिट्टी में बुवाई करना आदर्श रहता है। बुवाई से पहले मिट्टी को समतल और मुलायम कर लें। कतार से कतार की दूरी 30 सेमी रखें और बीजों को 5 से 7 सेमी गहराई में लगाएं। यदि उखटा रोग की संभावना है, तो बीजों का उपचार थाईरम या मैन्कोजेब से करें।
सुरक्षा और देखभाल | Chane Ki Variety
बीजों को राइजोबियम कल्चर से उपचारित करें। दीमक प्रकोप वाले क्षेत्रों में बीजों को क्लोरोपायरीफॉस 20 ईसी से उपचारित करना फायदेमंद रहेगा। इस सावधानी से पैदावार की संभावना बढ़ाई जा सकती है।
पूसा चना 20211 देसी (पूसा मानव) किस्म की खेती करके किसान कम लागत में अधिक उपज प्राप्त कर सकते हैं, जिससे उनकी आय में वृद्धि और देश में दलहन उत्पादन में बढ़ावा मिलेगा। Also Read – new variety of wheat : गेहूं की नई किस्म: रोगों से सुरक्षित, अधिक पैदावार सुनिश्चित