Cement Ke Bhav : घर बनाना हुआ आसान, सीमेंट की कीमतें 5 साल के सबसे निचले स्तर पर

Cement Ke Bhav: Building a house has become easier, cement prices at the lowest level in 5 years.
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Cement Ke Bhav – घर बनाने की चाह रखने वालों के लिए यह एक राहतभरी खबर है। ब्रोकरेज फर्म यस सिक्योरिटीज की हालिया रिपोर्ट के मुताबिक, देश में सीमेंट की कीमतें 5 साल के न्यूनतम स्तर पर पहुंच गई हैं। कड़ी प्रतिस्पर्धा और कमजोर मांग के कारण सीमेंट की कीमतों में बढ़ोतरी असफल रही। फिलहाल, कीमतें स्थिर रहने की संभावना है।

सीमेंट की कीमतों में गिरावट का कारण | Cement Ke Bhav

रिपोर्ट के अनुसार, सीमेंट निर्माताओं के बीच तीव्र प्रतिस्पर्धा ने कीमतों पर दबाव बनाया है।

कमजोर मांग: हाल के तिमाहियों में मांग में गिरावट के चलते कीमतें बढ़ाने के प्रयास विफल रहे।

प्रतिस्पर्धा का प्रभाव: इंडस्ट्री में प्रतिस्पर्धा इतनी बढ़ गई है कि निकट भविष्य में कीमतों में किसी बड़ी वृद्धि की संभावना नहीं दिख रही है।यस सिक्योरिटीज ने कहा, “जब तक स्थिति सामान्य नहीं होती, कीमतें स्थिर रहेंगी।” Also Read MP Electricity Bill : बिजली उपभोक्ताओं को मिली राहत

डिमांड में सुधार की संभावनाएं

रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि सीमेंट इंडस्ट्री के लिए डिमांड में सुधार की उम्मीद वित्त वर्ष 2025-26 के मध्य से की जा रही है।

बढ़ते इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स

ग्रामीण और शहरी हाउसिंग की मांग में बढ़ोतरी

रियल एस्टेट गतिविधियों में तेजी

ये सभी कारक डिमांड और सप्लाई के बीच संतुलन स्थापित करेंगे।

वित्त वर्ष 2024-25: धीमी डिमांड का अनुमान | Cement Ke Bhav

रिपोर्ट के मुताबिक, अगले वित्त वर्ष में मांग धीमी रहने की उम्मीद है।कैपेसिटी यूटिलाइजेशन में सुधार से डिमांड और सप्लाई के बीच का अंतर कम होगा।इंडस्ट्री अगले 5 सालों में 90 मिलियन टन की नई उत्पादन क्षमता जोड़ने की तैयारी कर रही है।

भविष्य की योजना और क्षमता विस्तार

वित्त वर्ष 2026-27 तक इंडस्ट्री की कुल क्षमता 703 मिलियन टन और 2027-28 तक 723 मिलियन टन तक पहुंचने का अनुमान है।यह ग्रोथ ऑर्गेनिक विस्तार के जरिए हासिल की जाएगी।

निष्कर्ष | Cement Ke Bhav

यह स्थिति घर बनाने वालों और कंस्ट्रक्शन इंडस्ट्री के लिए लाभकारी है। कीमतें स्थिर रहने से न केवल निर्माण किफायती होगा, बल्कि बढ़ते इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स के चलते रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे। डिमांड में सुधार की उम्मीद इंडस्ट्री के लिए सकारात्मक संकेत है, जो आने वाले वर्षों में इसे नई ऊंचाइयों पर ले जा सकता है। Also Read – MP Sarkari Karmchari : एरियर की मांग पर चर्चा

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