Baba Siyaram Facts : बाबा सियाराम के बारे में 10 रोचक तथ्य

Baba Siyaram Facts: 10 interesting facts about Baba Siyaram
Spread the love

जीवन, शिक्षाएँ और योगदान

Baba Siyaram Facts – निमाड़ क्षेत्र के प्रसिद्ध और पूजनीय आध्यात्मिक गुरु, बाबा सियाराम ने 11 दिसंबर, 2024 को मोक्षदा एकादशी के दिन 109 साल की आयु में अपना शरीर त्याग दिया। उनकी शिक्षाओं में विनम्रता, सेवा और सादगी पर विशेष बल दिया गया। आइए जानते हैं बाबा सियाराम के जीवन से जुड़ी 10 रोचक बातें:

Baba Siyaram Facts: 10 interesting facts about Baba Siyaram
Baba Siyaram Facts: 10 interesting facts about Baba Siyaram

प्रारंभिक जीवन और आध्यात्मिक यात्रा | Baba Siyaram Facts

बाबा सियाराम का जीवन मध्य प्रदेश के निमाड़ क्षेत्र में शुरू हुआ। बचपन से ही उन्हें आध्यात्मिकता में गहरी रुचि थी, और उन्होंने जल्दी ही संत के रूप में पहचान बनाई। Also Read – Benefits of Arjuna bark tea : बंद नसों का समाधान, जानें फायदे और बनाने का तरीका

नर्मदा नदी से गहरा संबंध

बाबा सियाराम का नर्मदा नदी से विशेष जुड़ाव था। वे भगवान शिव के भक्त थे और नर्मदा के तट पर ध्यान और साधना करते थे।

शिक्षाएँ और सेवा | Baba Siyaram Facts

उनकी शिक्षाओं में करुणा, प्रेम और निस्वार्थ सेवा का महत्व था। उन्होंने हमेशा अपने अनुयायियों को प्रकृति और ईश्वर के साथ घनिष्ठ संबंध बनाने की प्रेरणा दी।

निमाड़ आश्रम की स्थापना

बाबा सियाराम ने निमाड़ आश्रम की स्थापना की, जहां गरीबों को भोजन, शिक्षा और आश्रय प्रदान किया जाता था। उनका जीवन जरूरतमंदों की सेवा में समर्पित था।

चमत्कारी दीया जलाना | Baba Siyaram Facts

बाबा सियाराम बिना माचिस के अपने हाथ से दीया जलाने में सक्षम थे, जो उनकी आध्यात्मिक शक्ति को दर्शाता था।

मौन व्रत और ‘सियाराम’ शब्द

बाबा ने 12 वर्षों तक मौन व्रत रखा था। उनका पहला शब्द “सियाराम” था, जो उन्होंने मौन तोड़ने के बाद कहा।

रामायण का निरंतर पाठ | Baba Siyaram Facts

बाबा प्रतिदिन 21 घंटे रामायण का पाठ करते थे, और बिना चश्मे के इसे पढ़ने में सक्षम थे।

लंगोट पहनने की आदत

बाबा सियाराम हमेशा लंगोट पहनते थे, चाहे मौसम कोई भी हो। वे कभी भी अपनी वेश-भूषा से समझौता नहीं करते थे।

दान की अनोखी नीति | Baba Siyaram Facts

बाबा आश्रम में आने वाले भक्तों से केवल 10 रुपए लेते थे। यदि कोई भक्त अधिक दान देता, तो शेष रकम लौटा दी जाती थी।

समाज कल्याण के लिए योगदान

बाबा ने समाज के कल्याण के लिए कई महत्वपूर्ण कार्य किए। उन्होंने नर्मदा घाट के जीर्णोद्धार और रेन शेल्टर शेड के निर्माण के लिए 2 करोड़ 57 लाख रुपए दान किए।बाबा सियाराम का जीवन और उनके कार्य आज भी लोगों को प्रेरणा देते हैं। उनके योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता। Also Read – Farmers Benefit : बारिश में भी अब सुगम होगा किसानों का खेतों तक पहुँचना – विधायक खंडेलवाल का बड़ा कदम

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *