BJP Pradesh Adhyaksh – मध्यप्रदेश में बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष के चुनाव को लेकर चर्चाएं तेज हैं। सूत्रों के अनुसार, यह चुनाव दिल्ली विधानसभा चुनाव के मतदान तक टल सकता है। वर्तमान में राज्य के 62 में से 59 जिलों के अध्यक्षों की घोषणा हो चुकी है। अब केवल इंदौर शहर, इंदौर ग्रामीण, और निवाड़ी जिलों के अध्यक्षों की घोषणा बाकी है।
चुनाव टलने के कारण | BJP Pradesh Adhyaksh
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की विदेश यात्रा
मुख्यमंत्री 27 जनवरी से 2 फरवरी तक विदेश यात्रा पर रहेंगे। Also Read – Betul BJP Jila Adhyaksh : नवनिर्वाचित भाजपा जिलाध्यक्ष सुधाकर पंवार ने कहा, “मैं कार्यकर्ता हूं, कार्य करता रहूंगा”
दिल्ली विधानसभा चुनाव में व्यस्तता
बीजेपी नेताओं की प्राथमिकता फिलहाल दिल्ली चुनाव है, जिसकी वोटिंग 5 फरवरी को होगी।
चुनाव प्रक्रिया की तैयारी
प्रदेशाध्यक्ष के चुनाव के लिए प्रदेश परिषद के सदस्यों की सूची केंद्रीय नेतृत्व को भेज दी गई है।इस सूची में 4 सांसद, 16 विधायक, प्रत्येक विधानसभा से 1 प्रतिनिधि, और 2-2 विधानसभाओं के क्लस्टर शामिल हैं।
छत्तीसगढ़ के फैसले से मध्यप्रदेश में बदले समीकरण | BJP Pradesh Adhyaksh
छत्तीसगढ़ में राजपूत वर्ग से आने वाले किरण देव सिंह को प्रदेशाध्यक्ष बनाए जाने के बाद मध्यप्रदेश में जातीय संतुलन को लेकर नए समीकरण बन रहे हैं।
राजपूत वर्ग से अरविंद सिंह भदौरिया, बृजेन्द्र प्रताप सिंह, और सीमा सिंह जादौन इस पद की दौड़ में शामिल हैं।हालांकि, छत्तीसगढ़ में ठाकुर वर्ग के प्रदेशाध्यक्ष के दोबारा नियुक्त होने के बाद मध्यप्रदेश में किसी अन्य वर्ग के नेता को मौका मिलने की संभावना है। Also Read – पाकिस्तान का “Tesla Cybertruck” वर्जन वायरल
प्रदेशाध्यक्ष पद के दावेदार
ब्राह्मण वर्ग
डॉ. नरोत्तम मिश्रा
आलोक शर्मा
अर्चना चिटनीस
राजपूत वर्ग:
अरविंद भदौरिया
बृजेन्द्र प्रताप सिंह
सीमा सिंह जादौन
वैश्य वर्ग:
हेमंत खंडेलवाल
सुधीर गुप्ता
आदिवासी वर्ग:
गजेन्द्र सिंह पटेल
फग्गन सिंह कुलस्ते
रामलाल रौतेल
अनुसूचित जाति:
प्रदीप लारिया
लाल सिंह आर्य
हेमंत खंडेलवाल सबसे मजबूत दावेदार | BJP Pradesh Adhyaksh
वैश्य वर्ग से हेमंत खंडेलवाल का नाम सबसे आगे है।वे बैतूल से विधायक और कुशाभाऊ ठाकरे ट्रस्ट के अध्यक्ष हैं।उनके नाम का समर्थन मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव भी कर रहे हैं।हेमंत खंडेलवाल का राजनीतिक सफर:2007: बैतूल से सांसद।2010: बीजेपी जिलाध्यक्ष।2013: बैतूल से विधायक।2014: बीजेपी के प्रदेश कोषाध्यक्ष।
क्या कहते हैं समीकरण?
मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव (ओबीसी), डिप्टी सीएम राजेन्द्र शुक्ल (ब्राह्मण), और जगदीश देवड़ा (एससी) से संतुलन बनाने के लिए वैश्य वर्ग को प्रदेशाध्यक्ष पद दिया जा सकता है। Also Read – Train Viral Video : ट्रेन में चाय के नाम पर जहर !