EMI Free Loan : इमरजेंसी में है पैसों की जरुरत तो जाने ऐसे लोन के बारे में जिसमे नहीं EMI चुकाने का झंझट

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फटाफट जान लें सारी डिटेल 

EMI Free Loan – जब इमरजेंसी स्थिति में आपको अचानक पैसों की जरूरत पड़ती है, तो सबसे पहले लोग अक्सर करीबियों से पैसा उधार मांगते हैं। लेकिन कई बार यह विकल्प भी काम नहीं आता, और तब लोग अपनी किसी पॉलिसी को नष्ट करने या फिर पर्सनल लोन का सहारा लेते हैं। पर्सनल लोन से काम हो जाता है, लेकिन इसका ब्याज दरें अनसिक्योर्ड लोन की कैटेगरी में आने के कारण काफी ज्यादा होती हैं, इसके अतिरिक्त हर महीने EMI भी चुकानी पड़ती है।

लेकिन अगर आपने LIC की पॉलिसी ले रखी है तो आपको उस पॉलिसी पर भी लोन लेने का विकल्प मिल सकता है। LIC पर लिया गया लोन आमतौर पर पर्सनल लोन की तुलना में सस्ता पड़ता है, साथ ही री-पेमेंट भी काफी आसान होता है। इसमें आपको हर महीने EMI चुकाने का बोझ नहीं होता, और आप अपनी सुविधा के हिसाब से इसे चुकता कर सकते हैं। इससे आपकी सेविंग्स भी खत्म नहीं होती और आपकी जरूरतें भी पूरी हो जाती हैं। Also Read – MP Sarkari Karmchari : प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों को सरकार का तोहफा, मिलेगा मुफ्त में इलाज

एलआईसी पॉलिसी पर मिलने वाला लोन सुरक्षित लोन की श्रेणी में आता है क्योंकि यह लोन आपकी लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी के आधार पर होता है। इसके लिए बहुत अधिक पेपरवर्क की आवश्यकता नहीं होती और लोन तेजी से मिल जाता है। ग्राहक को अकेले 3 से 5 दिनों के अंदर लोन की राशि प्राप्त करने की संभावना होती है। एलआईसी पर लोन लेने का एक और फायदा यह है कि आपको अपनी पॉलिसी को सरेंडर नहीं करना पड़ता, जिससे आपको बीमा से मिलने वाले फायदे बरकरार रहते हैं। इस तरह, यह लोन पर्सनल लोन के मुकाबले सस्ता होता है, और इसे लेते समय प्रोसेसिंग फीस या हिडन चार्जेज नहीं लगते हैं, जिससे आपको अतिरिक्त लागतों से बचाव होता है। EMI Free Loan

एलआईसी पॉलिसी पर अगर आप लोन लेते हैं, तो इसका रीपेमेंट काफी आसान होता है। इसमें लोन चुकाने वाले को अच्छा खासा टाइम मिलता है, क्योंकि लोन की अवधि न्यूनतम छह महीने से लेकर इंश्योरेंस पॉलिसी की मैच्योरिटी तक हो सकती है। इस तरह, ग्राहक के लिए यह फायदेमंद है कि इस लोन पर हर महीने EMI चुकाने की चिंता नहीं होती। जैसे-जैसे पैसे जमा होते जाएं, आप उसके हिसाब से पैसे दे सकते हैं। लेकिन ध्यान रखें कि इसमें वार्षिक ब्याज लगता रहेगा। अगर कोई ग्राहक 6 महीने की न्यूनतम अवधि के भीतर लोन का निपटान करता है, तो उसे उसी अवधि के लिए ब्याज का भुगतान करना होगा।

पूरे मूलधन को ब्याज के साथ चुकाएं। बीमा पॉलिसी की मैच्योरिटी के समय क्लेम अमाउंट के साथ मूलधन का निपटान करें। इस तरह, अब आपको केवल ब्याज राशि चुकानी होगी। सालाना ब्याज राशि दें और मूल राशि को अलग-अलग तरीके से चुकाएं। EMI Free Loan

इंश्योरेंस पॉलिसी के अंतर्गत लोन केवल कुछ विशिष्ट पॉलिसी जैसे कि ट्रेडिशनल और एंडोमेंट पॉलिसी के तहत ही प्राप्त किया जा सकता है। यहां लोन की राशि सरेंडर वैल्यू के आधार पर निर्धारित की जाती है, और आपको इस वैल्यू का 80 से 90 फीसदी तक लोन मिल सकता है। लोन की ब्याज दर पॉलिसी होल्डर के प्रोफाइल पर निर्भर करती है, जो आमतौर पर 10 से 12 फीसदी तक होती है।

लोन पॉलिसी को देते समय, बीमा कंपनी आपकी पॉलिसी को गिरवी में रख लेती है। अगर आप लोन की राशि को वापस नहीं करते हैं या अगर बाकी राशि पॉलिसी की सरेंडर वैल्यू से अधिक हो जाती है, तो कंपनी को आपकी पॉलिसी को समाप्त करने का अधिकार होता है। EMI Free Loan

यदि आपकी बीमा पॉलिसी को लोन चुकाने से पहले मैच्योर हो जाती है, तो बीमा कंपनी लोन की राशि को आपकी बीमा पॉलिसी से कटवा सकती है।

पॉलिसी के बदले लोन लेने के लिए आप ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह से अप्लाई कर सकते हैं. ऑफलाइन के लिए आपको एलआईसी ऑफिस में जाकर केवाईसी डॉक्यूमेंट्स के साथ लोन के लिए आवेदन करना होगा.

वहीं ऑनलाइन अप्लाई करने के लिए LIC ई-सेवाओं के लिए रजिस्ट्रेशन करें. इसके बाद अपने अकाउंट में लॉग-इन करें. इसके बाद चेक करें कि आप बीमा पॉलिसी बदले लिए जाने वाले लोन को प्राप्त करने के लिए योग्य है या नहीं. यदि हैं, तो लोन की नियम, शर्तें, ब्याज दरें आदि के बारे में अच्छे से पढ़ लें. इसके बाद एप्लीकेशन सबमिट करें और KYC दस्तावेजों को ऑनलाइन अपलोड करें. Also Read – Saanp Ka Video : शरीर से अलग था सांप का फन, फिर भी खुद को काटा

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