Teachers in Medical Colleges : मेडिकल कॉलेजों में शिक्षक बनने के बदले नियम

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डॉक्टरों की नाराजगी और नई पात्रता पर बहस

Teachers in Medical Colleges – राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) ने हाल ही में मेडिकल कॉलेजों में शिक्षकों की नियुक्ति के लिए नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इनमें डिप्लोमा धारकों को शिक्षक बनने की पात्रता दी गई है, बशर्ते उनके पास सीनियर रेजिडेंट के रूप में पर्याप्त अनुभव हो। हालांकि, इस कदम ने चिकित्सा समुदाय में नाराजगी पैदा कर दी है। डॉक्टरों का कहना है कि यह नियम चिकित्सा शिक्षा की गुणवत्ता को कमजोर कर सकते हैं।

Teachers in Medical Colleges: Rules for becoming a teacher in medical colleges
Teachers in Medical Colleges: Rules for becoming a teacher in medical colleges

नए दिशा-निर्देशों का विवरण | Teachers in Medical Colleges

डिप्लोमा धारकों की पात्रता:2017 से सीनियर रेजिडेंट के रूप में काम कर रहे डिप्लोमा धारक अब सहायक प्रोफेसर बनने के पात्र होंगे।यह पात्रता उन विषयों के लिए लागू होगी जहां शिक्षकों की कमी है।

गैर-चिकित्सकों की भूमिका:एनाटॉमी, बायोकेमिस्ट्री और फिजियोलॉजी जैसे विषयों में गैर-चिकित्सक सहायक शिक्षक बन सकते हैं, लेकिन इसके लिए पीएचडी अनिवार्य होगी।

माध्यमिक अवधि के लिए नियम:यह नियम अस्थायी रूप से लागू होंगे, खासकर तब जब किसी विषय में पर्याप्त शिक्षक उपलब्ध न हों। Also Read – MP Shikshak Bharti : मध्य प्रदेश में 7929 शिक्षकों की भर्ती : आवेदन 28 जनवरी से शुरू

डिप्लोमा धारकों के लिए नए अवसर | Teachers in Medical Colleges

नए दिशा-निर्देश उन डिप्लोमा धारकों के लिए फायदेमंद हो सकते हैं जिन्होंने एमबीबीएस के बाद पीजी डिप्लोमा किया है।साल 2017 में एमसीआई ने डिप्लोमा धारकों को सीनियर रेजिडेंट के रूप में काम करने की अनुमति दी थी।अब एनएमसी ने उन्हें सहायक प्रोफेसर बनने का अवसर प्रदान किया है।

चिकित्सा शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं पर प्रभाव

गुणवत्ता पर असर:डॉक्टरों का मानना है कि कम योग्यता वाले शिक्षकों से छात्रों की शिक्षा और प्रशिक्षण की गुणवत्ता प्रभावित हो सकती है।

शिक्षकों की कमी:इस कदम का उद्देश्य मेडिकल कॉलेजों में शिक्षकों की कमी को दूर करना है।

विरोध और समाधान:डॉक्टरों का सुझाव है कि शिक्षकों की कमी को दूर करने के लिए योग्यता और प्रशिक्षण पर ध्यान देना चाहिए, न कि पात्रता मानकों को कम करना। Also Read – MP Shikshak : मध्यप्रदेश में शिक्षकों के लिए नई सौगात

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