Supreme Court’s strict comment : सुप्रीम कोर्ट की मुफ्त योजनाओं पर सख्त टिप्पणी

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‘फ्री की रेवड़ी कब तक?’

Supreme Court’s strict comment – सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से मुफ्त सुविधाओं पर सवाल उठाते हुए रोजगार के अवसर पैदा करने पर जोर दिया है। सोमवार को ई-श्रम पोर्टल के तहत पंजीकृत 28 करोड़ श्रमिकों और अकुशल मजदूरों को मुफ्त राशन कार्ड देने के मामले की सुनवाई के दौरान अदालत ने सख्त टिप्पणी की। कोर्ट ने कहा, “फ्री की रेवड़ी कब तक बांटी जाएगी?” और यह भी जोड़ा कि प्रवासी मजदूरों के लिए रोजगार निर्माण की तत्काल आवश्यकता है।

Supreme Court's strict comment: Supreme Court's strict comment on free schemes
Supreme Court’s strict comment: Supreme Court’s strict comment on free schemes

सुनवाई के दौरान अदालत के सवाल | Supreme Court’s strict comment

जस्टिस सूर्यकांत ने कहा, “अगर राज्यों को आदेश दिया जाए कि सभी प्रवासी मजदूरों को मुफ्त राशन दिया जाए, तो कोई भी मजदूर वहां दिखाई नहीं देगा; वे भाग जाएंगे।” उन्होंने कहा कि राज्यों को यह समझना चाहिए कि यह केंद्र सरकार का दायित्व है और वे राशन कार्ड जारी कर सकते हैं। Also Read – MP Weather Update : पहाड़ों में बर्फबारी और मध्य प्रदेश में शीतलहर का कहर

सुप्रीम कोर्ट की प्रमुख टिप्पणियां

कोर्ट ने पूछा कि “सरकार कब तक लोगों को मुफ्त राशन देती रहेगी?”रोजगार के अवसर न बनाने पर सवाल उठाया।केंद्र सरकार ने बताया कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA) 2013 के तहत 81 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन दिया जा रहा है।जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस मनमोहन की पीठ ने कहा, “इसका मतलब यह हुआ कि सिर्फ टैक्स देने वाले लोग ही इस योजना से बाहर हैं।”

81 करोड़ लोग लाभान्वित | Supreme Court’s strict comment

अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी ने बताया कि वर्तमान में 81.35 करोड़ लोग मुफ्त राशन योजना का लाभ ले रहे हैं। हालांकि, एनजीओ के वकील प्रशांत भूषण ने तर्क दिया कि कोरोना महामारी के बाद बेरोजगारी में भारी वृद्धि हुई है, जिससे गरीबों की स्थिति और भी खराब हो गई है। उन्होंने ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकृत प्रवासी मजदूरों के लिए मुफ्त राशन की मांग की।

सरकार को रोजगार निर्माण पर ध्यान देने की जरूरत

न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने जोर दिया कि सरकार को मुफ्त राशन देने के बजाय “रोजगार के अवसर पैदा करने” पर ध्यान देना चाहिए।

कोर्ट की सिफारिशें | Supreme Court’s strict comment

सरकार को रोजगार निर्माण की योजनाओं पर जोर देना चाहिए।मुफ्त सुविधाओं पर निर्भरता को खत्म करने के लिए ठोस प्रयास करने होंगे।

विशेषज्ञों का नजरिया

यह मामला मुफ्त योजनाओं और उनके दीर्घकालिक प्रभावों पर ध्यान केंद्रित करता है। विशेषज्ञों का मानना है कि रोजगार के अवसर पैदा करने से लोगों की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी और वे आत्मनिर्भर बन सकेंगे।यह सुनवाई देश में मुफ्त योजनाओं की प्रभावशीलता और उनके सामाजिक-आर्थिक असर को लेकर एक महत्वपूर्ण बहस को जन्म देती है। Also Read – MP Bagh News : आदमखोर बाघ की तलाश जारी

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