जानें क्यों!
Tax-free state of India – यदि आप इनकम टैक्स के दायरे में आते हैं, तो आपको अपनी कमाई पर टैक्स स्लैब के अनुसार इनकम टैक्स भरना होता है। लेकिन भारत में एक ऐसा राज्य है जो इस नियम से पूरी तरह मुक्त है। यह भारत का इकलौता टैक्स-फ्री राज्य है। यहां लोग करोड़ों की कमाई भी कर लें, तो भी आयकर विभाग उनसे ₹1 भी टैक्स नहीं वसूल सकता। आइए, जानते हैं इसकी वजह।
सिक्किम: भारत का टैक्स-फ्री राज्य | Tax-free state of India
सिक्किम को देश का इकलौता ऐसा राज्य माना जाता है, जहां रहने वाले लोगों को टैक्सेशन के दायरे से बाहर रखा गया है। Also Read – Kendriya Vidhyalaya in MP : मध्य प्रदेश में खुलेंगे 11 नए केंद्रीय विद्यालय : शिक्षा में नई क्रांति
धारा 10 (26AAA) के तहत टैक्स छूट
सिक्किम के मूल निवासियों को आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 10 (26AAA) के तहत इनकम टैक्स से छूट दी गई है। यह नियम सिक्किम के निवासियों को विशेष अधिकार प्रदान करता है।
सिक्किम को टैक्स-फ्री राज्य बनाने की वजह | Tax-free state of India
सिक्किम के लोगों को टैक्स में इतनी बड़ी राहत क्यों दी गई है? इसका कारण 1975 में सिक्किम का भारत में विलय है। सिक्किम ने भारत में इस शर्त पर विलय किया था कि उसके पुराने कानून और विशेष दर्जा बरकरार रहेंगे। इसे संविधान के आर्टिकल 371-एफ के तहत विशेष दर्जा दिया गया है।
धारा 10 (26AAA) के प्रावधान
धारा 10 (26AAA) के तहत सिक्किम के निवासियों की आय टैक्स दायरे से बाहर है। इसमें वे आय भी शामिल हैं जो किसी भी तरह की सिक्योरिटी से मिले ब्याज या डिविडेंड से आती है।
छूट किन्हें मिलती है? | Tax-free state of India
इस नियम के अनुसार, सिक्किम के भारत में विलय से पहले जो भी लोग वहां बसे थे, चाहे उनका नाम “Sikkim Subjects Regulations, 1961” के रजिस्टर में हो या नहीं, उन्हें आयकर अधिनियम की धारा 10 (26AAA) के तहत यह छूट मिलती है।
निष्कर्ष
सिक्किम का टैक्स-फ्री राज्य का दर्जा भारत के संविधान और ऐतिहासिक समझौतों पर आधारित है। यह न केवल सिक्किम के निवासियों को आर्थिक लाभ देता है, बल्कि उनके विशेष दर्जे और सांस्कृतिक पहचान को भी सुरक्षित रखता है। Also Read – MP Pashu Palan : प्रदेश में पशुपालन विभाग करेगा उच्च नस्ल की गायों की बछियों की बिक्री