MP Kisan : सोयाबीन फिर बनेगी किसानों के लिए फायदेमंद फसल

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6,000 रुपये प्रति क्विंटल तक मिल सकता है दाम , सोया स्टेट मध्यप्रदेश में किसानों के लिए खुशखबरी

MP Kisan – मध्यप्रदेश, जिसे सोया स्टेट के नाम से भी जाना जाता है, में सोयाबीन के दाम न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) के आसपास बने हुए हैं। दीपावली के बाद बाजार में सुधार देखा गया है, और किसानों को उम्मीद है कि आने वाले समय में सोयाबीन के दाम एमएसपी से भी अधिक हो सकते हैं।

वर्तमान में, सोयाबीन की कीमतें 4,300 से 4,900 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच चुकी हैं। विशेषज्ञों और बाजार जानकारों के अनुसार, जनवरी 2025 तक दाम 5,500 से 6,000 रुपये प्रति क्विंटल तक जाने की संभावना है। Also Read – MP Kisan : मध्य प्रदेश में किसानों के लिए खुशखबरी, MSP तय

MSP पर खरीद की अनुमति, लेकिन रुचि कम क्यों? | MP Kisan

सरकार ने सोयाबीन की एमएसपी को 4,892 रुपये प्रति क्विंटल तय कर इसकी खरीद को मंजूरी दी है। हालांकि, किसानों ने इस कीमत पर फसल बेचने में रुचि नहीं दिखाई। इसका प्रमुख कारण यह है कि बाजार में एमएसपी से अधिक दाम मिलने की उम्मीद है।

सोशल मीडिया और ग्रामीण स्तर पर एमएसपी को 6,000 रुपये प्रति क्विंटल तक बढ़ाने की मांग जोर पकड़ चुकी है। इस मांग को लेकर किसानों ने आंदोलन भी किए। फिलहाल, बाजार में सोयाबीन की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं, और किसान ऊंचे दामों का इंतजार कर रहे हैं।

सोयाबीन के दाम क्यों बढ़ सकते हैं?

विशेषज्ञों का कहना है कि सोयाबीन की कीमतों में वृद्धि के पीछे कई महत्वपूर्ण कारण हैं:

अंतरराष्ट्रीय उत्पादन में गिरावट | MP Kisan

ब्राजील में बाढ़ के कारण सोयाबीन उत्पादन प्रभावित हुआ है।
अमेरिका में सोयाबीन तेल और डीओसी (डिऑयल्ड केक) की मांग में तेजी आई है।
इन कारणों से भारत में सोयाबीन की मांग बढ़ी है।

स्थानीय बाजार में उच्च मांग

मालवा क्षेत्र की मंडियों में बीज गुणवत्ता वाले सोयाबीन की कीमत 6,000 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच गई है।
कुछ खास सौदों में सोयाबीन 7,100 रुपये प्रति क्विंटल तक भी बिक चुका है।

किसानों की रणनीति | MP Kisan

किसान मंडियों में फसल लाने के बजाय ऊंचे दाम का इंतजार कर रहे हैं।
उन्हें विश्वास है कि 2025 की शुरुआत में सोयाबीन के दाम उच्चतम स्तर पर होंगे।

अंतरराष्ट्रीय मांग का प्रभाव

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सोयाबीन और उसके उत्पादों की मांग में तेजी का सीधा असर भारत के बाजारों पर पड़ा है।

सोयाबीन तेल की बढ़ती मांग | MP Kisan

डीओसी की निर्यात में वृद्धि
पर्यावरणीय चुनौतियों से उत्पादन में कमी
किसानों के लिए सोयाबीन क्यों है ‘सोना’?
सोयाबीन के दामों में सुधार किसानों के लिए आर्थिक मजबूती का संकेत है। बाजार के मौजूदा रुझान और विशेषज्ञों की राय यह बताती है कि आने वाले महीनों में यह फसल किसानों के लिए अत्यधिक लाभदायक साबित होगी। Also Read – MP 8th Tiger Reserve : 16 साल बाद बनेगा एमपी का 8वां टाइगर रिजर्व

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