कालाबाजारी करने वालों पर सख्त कार्रवाई करेगी सरकार : CM Dr Mohan Yadav 

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फसल क्षति का आकलन करने के लिए राजस्व अमला जनप्रतिनिधियों के साथ करेगा काम

CM Dr Mohan Yadavबैतूल – मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने राज्य में उर्वरक की मांग बढ़ने पर कालाबाजारी, अवैध भंडारण और नकली उर्वरक निर्माण के संभावित खतरों को गंभीरता से लेते हुए सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि कालाबाजारी, मिलावट और नकली उर्वरक खपाने वालों पर पुलिस की सहायता से कड़ी निगरानी की जाएगी। एक जिले से दूसरे जिले में उर्वरक के अवैध परिवहन पर भी सख्त नजर रखी जाएगी।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने यह निर्देश एक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान दिए, जिसमें सोयाबीन उपार्जन, खाद की उपलब्धता और वितरण से संबंधित मुद्दों पर चर्चा की गई। इस बैठक में प्रदेश के कलेक्टर, कमिश्नर और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ-साथ बैतूल के विधायक हेमंत खंडेलवाल, मुलताई के विधायक चंद्रशेखर देशमुख, और आमला विधायक डॉ. योगेश पंडाग्रे ने वर्चुअल रूप से भाग लिया। Also Read –

खाद की पर्याप्त उपलब्धता और प्राकृतिक खेती को बढ़ावा | CM Dr Mohan Yadav

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में खरीफ 2024-25 के लिए खाद की पर्याप्त उपलब्धता है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा प्राइस सपोर्ट स्कीम में मध्यप्रदेश को सोयाबीन उपार्जन के लिए दी गई स्वीकृति के लिए आभार जताया और अधिकारियों को उपार्जन के सुचारू प्रबंधन के निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री ने किसानों को डीएपी के विकल्प के रूप में एनपीके और लिक्विड नैनो यूरिया जैसे उर्वरकों के इस्तेमाल के बारे में जागरूक करने पर भी जोर दिया, ताकि प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दिया जा सके। इसके साथ ही, उन्होंने निर्देशित किया कि राजस्व अमला जनप्रतिनिधियों के साथ मिलकर फसल क्षति का आकलन सुनिश्चित करे और अगर कहीं पर खाद भंडारण में डबल लॉक की जरूरत हो, तो तुरंत आवश्यक कदम उठाए जाएं।

कड़ी कार्रवाई के निर्देश

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने स्पष्ट किया कि अमानक खाद-बीज का विक्रय, भंडारण और परिवहन करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि रबी 2024-25 के लिए खाद वितरण की प्रक्रिया को खरीफ 2024 की तर्ज पर मजबूत बनाया जाएगा ताकि किसी प्रकार की गड़बड़ी न हो।

ई-उपार्जन पोर्टल और किसानों के पंजीयन की प्रक्रिया | CM Dr Mohan Yadav

मुख्यमंत्री ने जानकारी दी कि प्रदेश में 25 सितंबर से ई-उपार्जन पोर्टल पर किसानों का पंजीयन शुरू हो चुका है। यह प्रक्रिया 20 अक्टूबर तक चलेगी, जिसके बाद सोयाबीन उपार्जन के लिए स्लॉट बुकिंग 21 दिसंबर तक की जाएगी। प्रदेश के 1400 केंद्रों पर 25 अक्टूबर से 31 दिसंबर 2024 तक किसानों से सोयाबीन की खरीद की जाएगी, और आवश्यकतानुसार इसमें बदलाव भी किया जा सकता है। किसानों को भुगतान ऑनलाइन माध्यम से किया जाएगा, जिससे प्रक्रिया में पारदर्शिता बनी रहेगी। Also Read –

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