Sawa-Munge : पोषण प्रदर्शनी में सावा की इडली और मुनगे के पराठों ने लूटी वाहवाही

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Sawa-Mungeबैतूल – एकीकृत बाल विकास परियोजना बैतूल ग्रामीण के तहत राष्ट्रीय पोषण माह का आयोजन जामठी-2 आंगनबाड़ी केंद्र द्वारा भव्य रूप से किया गया। कार्यक्रम का आयोजन अंबेडकर भवन, भारत भारती में हुआ, जहां जनपद सदस्य श्रीमती कचरा भूमरकर, सरपंच पुलूराम वाड़िवा और सहयोगिनी मातृ समिति की अध्यक्ष श्रीमती नीतू जोंजारे ने दीप प्रज्वलन और मां सरस्वती तथा अंबेडकर जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर शुभारंभ किया।

रचनात्मकता की सराहना | Sawa-Munge

कार्यक्रम की शुरुआत में क्षेत्रीय पर्यवेक्षक श्रीमती अर्चना तिवारी ने स्वागत भाषण दिया और कार्यक्रम के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने स्थानीय खाद्य पदार्थों से पौष्टिक भोजन तैयार करने के महत्व पर जोर देते हुए मुनगे (ड्रमस्टिक) को दैनिक आहार में शामिल करने की सलाह दी। उन्होंने ‘मिशन शक्ति’ के तहत पाक्सो, घरेलू हिंसा और ‘गुड टच-बेड टच’ जैसी अहम जानकारियों पर भी बात की, जो महिलाओं और बच्चों के लिए बेहद जरूरी हैं। Also Read ankurit anaaj ke fayade : अंकुरित अनाज में मौजूद हैं कई गुणकारी लाभ

पोषण प्रदर्शनी बनी मुख्य आकर्षण

कार्यक्रम में पोषण प्रदर्शनी का आयोजन किया गया, जिसमें ग्रामीण महिलाओं ने स्थानीय खाद्य पदार्थों और मोटे अनाज से बने पौष्टिक व्यंजन प्रस्तुत किए। झगड़िया की रामकली ने संतुलित थाली तैयार कर पहला स्थान हासिल किया, जबकि कढ़ाई गांव की फूलमत ठाकरे ने सावा की इडली और ज्वार की खिचड़ी बनाकर दूसरा स्थान प्राप्त किया। तीसरे स्थान पर लापाझिरी की इंदिरा हजारे ने टीएचआर के लड्डू और मरामझिरी की अंजलि सातनकर ने मुनगे के पराठे बनाकर सबका दिल जीत लिया। विजेताओं को सम्मानित किया गया और उनकी रचनात्मकता की सराहना की गई।

पौष्टिक आहार पर जोर | Sawa-Munge

हाई स्कूल के शिक्षक श्री गावंडे ने अपने संबोधन में पौष्टिक आहार के महत्व पर जोर दिया और इसे रोजमर्रा के जीवन में अपनाने की सलाह दी। क्षेत्रीय पर्यवेक्षक श्रीमती तिवारी ने पियर लीडर के रूप में उत्कृष्ट कार्य करने वाली आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को भी पुरस्कार प्रदान किए, जिससे आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का उत्साहवर्धन हुआ।

इस कार्यक्रम में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, हाई स्कूल के शिक्षक चिरौंजी भूमरकर और बड़ी संख्या में ग्रामीण महिलाओं ने सक्रिय रूप से भाग लिया। इस आयोजन ने ग्रामीण क्षेत्र में पौष्टिक आहार और स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता फैलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिससे महिलाओं और बच्चों में स्वस्थ जीवनशैली को बढ़ावा मिला। Also Read Benefits of Coconut Water : इन लोगों के लिए किसी वरदान से कम नहीं नारियल का पानी, डाइट में करें शामिल

निष्कर्ष

इस तरह के आयोजनों से न केवल स्वास्थ्य और पोषण के महत्व पर बल दिया जाता है, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं को भी अपने रचनात्मक कौशल को प्रदर्शित करने का मौका मिलता है, जो समाज में सकारात्मक बदलाव की दिशा में एक बड़ा कदम है।

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