UGC के इस फैसले से सामने आया नया विकल्प
UGC Rules – देश में कई युवा और शिक्षक हैं जो प्रोफेसर बनने की चाह रखते हैं। आमतौर पर प्रोफेसर बनने के लिए NET और PhD की आवश्यकता होती है, लेकिन अब एक नया विकल्प सामने आया है। यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमीशन (UGC) के नए फैसले के अनुसार, प्रोफेसर बनने के लिए सिर्फ NET और PhD की आवश्यकता नहीं है। इसके तहत, विशेष क्षेत्र के विशेषज्ञ भी प्रोफेसर के पद पर नियुक्त किए जा सकते हैं।
UGC का नया नियम: एक्सपर्ट्स को मिलेगा मौका | UGC Rules
UGC ने ‘प्रोफेसर्स ऑफ प्रैक्टिस’ (POP) के तहत यह व्यवस्था की है, जिसके अंतर्गत कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में फैकल्टी मेंबर्स के रूप में क्षेत्रीय विशेषज्ञों को नियुक्त किया जा सकता है। यह विशेषज्ञ मीडिया, साहित्य, उद्यमिता, सामाजिक विज्ञान, सशस्त्र बलों, इंजीनियरिंग, विज्ञान, और सिविल सेवाओं जैसे विविध क्षेत्रों में हो सकते हैं। Also Read – MP Free Scooty Yojana 2024 : फ्री स्कूटी योजना से छात्राओं को मिलेगा बड़ा लाभ
इसका मुख्य मानक यह है कि उम्मीदवार को अपने क्षेत्र में कम से कम 15 साल का अनुभव होना चाहिए और उनके पास उस क्षेत्र का गहरा ज्ञान होना आवश्यक है।
वैश्विक दृष्टिकोण: POP मॉडल की स्वीकार्यता
यह POP मॉडल नया नहीं है और कई देशों में पहले से लागू है। उदाहरण के लिए, मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (MIT), हार्वर्ड यूनिवर्सिटी, और स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी जैसे विश्व प्रसिद्ध संस्थानों में यह मॉडल प्रचलित है। इसके अलावा, एसओएएस यूनिवर्सिटी ऑफ लंदन और कॉर्नेल यूनिवर्सिटी भी इस प्रणाली के तहत प्रोफेसर की भर्ती कर रही हैं। भारत में भी कुछ उच्च शिक्षण संस्थानों में पहले से ही इस व्यवस्था को अपनाया जा चुका है।
सेवा की अवधि और अन्य विवरण | UGC Rules
भारत में, POP मॉडल के तहत नियुक्त प्रोफेसर की सेवा की अधिकतम अवधि तीन साल होगी। विशिष्ट परिस्थितियों में इसे एक साल तक बढ़ाया जा सकता है। इसके अलावा, किसी भी संस्थान में एक समय पर 10 से अधिक POP प्रोफेसर नहीं होंगे। यह मॉडल नियमित प्रोफेसर की भर्ती को प्रभावित नहीं करेगा और इसके साथ कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं डालेगा।
इस नए नियम के तहत, विशेषज्ञ अपने क्षेत्र के ज्ञान और अनुभव के आधार पर शैक्षणिक क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं और शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ावा दे सकते हैं। Also Read – Shikshak Bharti : टीचिंग सेक्टर में नौकरी पाने के लिए अब BEd नहीं पास करनी होगी ये नई परीक्षा