MP News : प्रदेश में बोरवेल ड्रिलिंग के लिए अब एजेंसी से लेनी होगी परमिशन

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हर बोर का रखा जाएगा रिकॉर्ड

MP News – प्रदेश में अब नलकूप और बोरवेल खनन का पूरा रिकार्ड सरकार के पास उपलब्ध होगा। इसके लिए संबंधित व्यक्ति और खनन एजेंसी को सरकार से अनुमति लेना अनिवार्य होगा।

लागू कर दिए गए नियम | MP News 

राज्य सरकार ने विधानसभा में पारित मध्यप्रदेश खुले नलकूप में गिरने से होने वाली दुर्घटनाओं की रोकथाम और सुरक्षा विधेयक 2024 को राज्यपाल की मंजूरी मिलने के बाद लागू कर दिया है। अब पीएचई विभाग इसके तहत आदेश जारी करेगा और नियम बनाएगा।

वर्तमान में जिलों में नलकूप और बोरवेल खनन के लिए गर्मी के दिनों को छोड़कर किसी भी व्यक्ति द्वारा बिना सरकारी सूचना के खनन किया जाता है। लेकिन, गर्मी में जल स्तर गिरने पर कलेक्टरों द्वारा जल अभावग्रस्त क्षेत्रों में एसडीएम की अनुमति लेना जरूरी होता है। Also Read – PM Awas Yojana : केंद्र सरकार ने इस योजना को लेकर लिया बड़ा फैसला

ड्रिलिंग एजेंसी की होगी जिम्मेदारी 

ड्रिलिंग एजेंसी की जिम्मेदारी होगी कि वह खनन स्थल और भूमि स्वामी की जानकारी सरकारी पोर्टल पर दर्ज कराए और खनन की अनुमति ले। खनन के दौरान अगर बोरवेल या नलकूप फेल हो जाता है, तो उसे सील कर बंद करना होगा।

शिकायतकर्ता को दिया जाएगा पुरस्कार | MP News

इसके अलावा, अगर कोई बोरवेल या नलकूप बेकार हो जाता है, तो सक्षम अधिकारी भूमि स्वामी के खिलाफ कार्रवाई कर सकता है। शिकायत मिलने पर, अगर यह सही पाई जाती है, तो शिकायतकर्ता को पुरस्कार दिया जाएगा।

भूमि स्वामी द्वारा बोर फेल होने पर कैप न लगाने की स्थिति में, सक्षम अधिकारी को अधिकार होगा कि वह कैप लगवाए और इसकी वसूली भू-राजस्व के रूप में की जाएगी। ड्रिलिंग एजेंसी और भूमि स्वामी की लापरवाही से होने वाली दुर्घटना पर उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज होगी, और पहली बार अपराध करने पर 10,000 रुपए और बाद में हर बार 25,000 रुपए तक जुर्माना लगाया जाएगा।

बोरवेल और नलकूप की परिधि और खनन से संबंधित नियम जल्द ही बनाए जाएंगे ताकि भविष्य में हादसों को रोका जा सके। Also Read – MP Shikshak Bharti : प्रदेश की शिक्षक भर्ती में हुआ ये बड़ा बदलाव अब ये भी होंगे पात्र

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