जानें कब से होंगे बम्पर तबादले
MP Transfer 2024 – मध्य प्रदेश के 7.50 लाख सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों के लिए एक सकारात्मक खबर है। संभवतः एक हफ्ते के भीतर प्रदेश में पिछले 6 महीनों से लागू तबादला प्रतिबंध हटा दिया जाएगा। बताया जा रहा है कि सामान्य प्रशासन विभाग ने एक नई तबादला नीति का प्रस्ताव तैयार कर लिया है, जिसे विभागीय मंत्री ने मंजूरी दे दी है। इस प्रस्ताव को जल्दी ही मोहन कैबिनेट में पेश करके स्वीकृत किया जा सकता है। चर्चा ये भी है कि मंत्रियों को जिलों की जिम्मेदारी सौंपने के बाद जिला स्तर पर तबादलों की प्रक्रिया 15 अगस्त के बाद शुरू की जा सकती है।
अगस्त में तबादलों पर लगी रोक हटने की उम्मीद है। सामान्य प्रशासन विभाग ने एक नई तबादला नीति का प्रस्ताव तैयार कर लिया है, जिसे विभागीय मंत्री ने मंजूरी दे दी है। अब इसे कैबिनेट बैठक में पेश कर स्वीकृति प्राप्त करनी है। अनुमान है कि 15 अगस्त के बाद किसी भी समय इस पर निर्णय लिया जा सकता है। तबादलों पर से प्रतिबंध हटने के बाद एक निश्चित अवधि में बड़े पैमाने पर प्रशासनिक और स्वैच्छिक तबादले किए जाएंगे, लेकिन किसी भी संवर्ग में 20 प्रतिशत से अधिक तबादले की अनुमति नहीं होगी। इसके अलावा, कुछ जिलों के कलेक्टर और एसपी को स्थानांतरित करने की भी चर्चा है। नई नीति में गंभीर बीमारियों, प्रशासनिक जरूरतों और स्वैच्छिक आधार पर स्थानांतरण को प्राथमिकता दी जा सकती है।Also Read – MP Junior Doctors : सरकार के इस फैसले से प्रदेश के जूनियर डॉक्टरों की मौज
मंत्रियों को जिलों का प्रभार जल्द सौंपे जाने की संभावना है, जैसा कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने संकेत दिया है। पिछली सरकार में 15 से 30 जून 2023 के दौरान एक ट्रांसफर पॉलिसी लागू की गई थी, जिसमें जिलों के अंदर प्रभारी मंत्रियों और जिलों के बाहर मंत्रियों की अनुमति से तबादले किए गए थे। हालांकि, अभी तक मंत्रियों को जिलों का प्रभार नहीं सौंपा गया है, लेकिन अटकलें हैं कि अगले एक हफ्ते में यह निर्णय लिया जा सकता है।
मुख्यमंत्री ने घोषणा की है कि 15 अगस्त को प्रभारी मंत्री जिलों में ध्वज फहराएंगे। इसके साथ ही, यह भी माना जा रहा है कि जिलों में प्रभारी मंत्री के अनुमोदन के बाद ही तबादले होंगे। वरिष्ठ मंत्रियों को दो-दो जिलों का प्रभार सौंपा जा सकता है, और एक जिले से दूसरे जिले में तबादले के लिए प्रभारी मंत्री की अनुशंसा आवश्यक होगी।
संभावना जताई जा रही है कि जिलों का प्रभार मंत्रियों को सौंपे जाने के बाद तबादलों की प्रक्रिया 15 अगस्त के बाद शुरू हो सकती है। पिछली ट्रांसफर पॉलिसी में विभागों के प्रमुखों के तबादले के लिए मुख्यमंत्री की अनुमति आवश्यक थी। इसी तरह, प्रथम श्रेणी, द्वितीय श्रेणी और तृतीय श्रेणी के अधिकारियों और कर्मचारियों के तबादले भी मुख्यमंत्री के अनुमोदन के बाद विभाग द्वारा किए जाते थे। इस बार भी प्रशासनिक व्यवस्था के अनुसार निर्णय लिया जा सकता है।
चुनाव के कारण तबादलों पर लगी रोक
आम तौर पर राज्य सरकार मई-जून में तबादलों पर लगी रोक हटा देती है, जिससे विभागीय मंत्रियों को अधिकतम 20% तबादले करने का अधिकार मिलता है। लेकिन इस बार लोकसभा चुनाव के लिए मतदाता सूची तैयार करने की प्रक्रिया शुरू होने के साथ ही तबादलों पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। इस प्रतिबंध के कारण चुनाव कार्य में लगे 65 हजार बूथ लेवल ऑफिसर, कलेक्टर, कमिश्नर, पुलिस महानिरीक्षक, पुलिस अधीक्षक और अन्य संवर्गों के अधिकारियों और कर्मचारियों के तबादले चुनाव आयोग की अनुमति के बिना नहीं किए जा सके। इस अवधि के दौरान केवल उन अधिकारियों और कर्मचारियों के तबादले हुए जो प्रशासकीय दृष्टि से अत्यंत आवश्यक थे। अब, जब तबादलों पर से रोक हटेगी, कलेक्टर, एसपी और मुख्यालयों में काम कर रहे अधिकारियों के तबादले किए जा सकेंगे। Also Read – Organic Farming MP : सरकार इस योजना ने किसानों की बल्ले बल्ले, 3 साल तक मिलेगा फायदा