Waste to Power MP – मध्यप्रदेश के 10 शहरों में अब कचरे से बिजली बनाने के प्लांट लगाए जाएंगे, जिसे केंद्र सरकार से मंजूरी मिल चुकी है। नगरीय विकास विभाग ने यह पहल घरेलू कचरे के प्रभावी निस्तारण और बड़े जुर्मानों से बचाव के उद्देश्य से शुरू की है। इस परियोजना के तहत कुछ स्थानों पर कचरे से सीएनजी प्लांट लगाए जा रहे हैं, तो कहीं ऑर्गेनिक वेस्ट के लिए कंपोस्टिंग यूनिट्स स्थापित की जा रही हैं।सरकार का लक्ष्य है कि 2027 तक राज्य के सभी नगरीय निकाय कचरा प्रबंधन में आत्मनिर्भर बन सकें। इन प्लांट्स के संचालन की शुरुआत 2026 तक होने की संभावना है।
रीवा और जबलपुर में पहले से सक्रिय प्लांट्स | Waste to Power MP
रीवा और जबलपुर जैसे शहरों में पहले से ही कचरे से बिजली बनाने की यूनिट्स सफलतापूर्वक संचालित हो रही हैं। यहां रोजाना लगभग 950 टन कचरे का प्र-संस्करण कर 18 मेगावॉट बिजली का उत्पादन किया जा रहा है। इससे न केवल स्वच्छ ऊर्जा मिल रही है, बल्कि पर्यावरणीय प्रदूषण को कम करने में भी मदद मिल रही है। Also Read – MPPSC Bharti : एमपी में असिस्टेंट प्रोफेसर के 1928 पदों पर होगी भर्ती
लीगेसी वेस्ट के समाधान में मिलेगी सहायता
एनजीटी (राष्ट्रीय हरित अधिकरण) ने 2022 में सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट में लापरवाही के लिए 3,000 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था। उस समय राज्य सरकार ने छह महीने के भीतर सुधार के लिए शपथ पत्र भी दिया था। हालांकि, आज भी विभिन्न डंपिंग साइट्स पर 25 लाख टन से अधिक लीगेसी वेस्ट जमा है।बिजली उत्पादन प्लांट्स की स्थापना से इस लीगेसी वेस्ट को निपटाने में काफी मदद मिलेगी, जिससे भविष्य में भारी जुर्मानों से भी बचा जा सकेगा। इसके अलावा, हाल ही में कटनी और सागर में गीले कचरे की कंपोस्टिंग के लिए स्वचालित यूनिट्स भी स्थापित की गई हैं।
इन 10 शहरों में लगेंगे नए प्लांट्स | Waste to Power MP
केंद्र सरकार ने 10 नगरीय निकायों के लिए 1018.85 टन प्रतिदिन कचरा प्रसंस्करण क्षमता वाली इकाइयों को मंजूरी दी है। ये इकाइयां निम्नलिखित शहरों में स्थापित की जाएंगी: Also Read – Important Information : एमपी ई-डिस्ट्रिक्ट पोर्टल 4 से 10 फरवरी तक रहेगा बंद
- सांची
- हरदा
- नया हरसूद
- शाहगंज
- आलीराजपुर
- देपालपुर
- उन्हेल
- बाबई
- धारकोटि
- इंदौर
जहां कचरे की मात्रा कम है, वहां आसपास के शहरों को भी इस पहल में शामिल किया गया है। खासतौर पर इंदौर और उज्जैन को मिलाकर लगभग 607 टन कचरे से बिजली बनाने की यूनिट्स स्थापित की जाएंगी, जिनसे 12.15 मेगावाट बिजली का उत्पादन संभव होगा। Also Read – MP Cabinet Meeting : मध्यप्रदेश में जापान के सहयोग से बनेगा हाई-स्पीड रेल कॉरिडोर