MP OBC Reservation : हाईकोर्ट ने जनहित की याचिका खारिज

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27% आरक्षण का रास्ता साफ

MP OBC Reservation – मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) को 27% आरक्षण देने के फैसले को चुनौती देने वाली जनहित याचिका को खारिज कर दिया है। यह याचिका प्रदेश सरकार के 2 सितंबर 2021 को जारी परिपत्र के खिलाफ दायर की गई थी, जिसमें तत्कालीन महाधिवक्ता के अभिमत के आधार पर ओबीसी वर्ग को 27% आरक्षण की अनुमति दी गई थी।

MP OBC Reservation: High Court rejects public interest litigation
MP OBC Reservation: High Court rejects public interest litigation

हाईकोर्ट के आदेश का इंतजार | MP OBC Reservation

परिपत्र में कुछ विशेष मामलों को छोड़कर अन्य सभी में 27% आरक्षण का प्रावधान किया गया था। इनमें नीट पीजी प्रवेश परीक्षा 2019-20, पीएससी द्वारा मेडिकल ऑफिसर भर्ती 2020 और हाईस्कूल शिक्षक भर्ती के पांच विषय शामिल थे। हालांकि, हाईकोर्ट ने 4 अगस्त 2023 को अंतरिम आदेश जारी कर इस परिपत्र पर रोक लगा दी थी, जिसके चलते ओबीसी वर्ग को केवल 14% आरक्षण मिल रहा था। अब, याचिका खारिज होने के बाद कानूनी विशेषज्ञों का मानना है कि यह रोक स्वतः समाप्त हो गई है, हालांकि विस्तृत आदेश की प्रतीक्षा की जा रही है। Also ReadMP Government : वक्फ बोर्ड की संपत्तियों को लेकर मध्य प्रदेश सरकार का बड़ा फैसला 

याचिका किसने दायर की थी?

यह जनहित याचिका यूथ फॉर इक्वालिटी संस्था द्वारा दाखिल की गई थी। याचिकाकर्ताओं ने तर्क दिया था कि सुप्रीम कोर्ट के अनुसार किसी भी स्थिति में कुल आरक्षण 50% से अधिक नहीं होना चाहिए, लेकिन मध्यप्रदेश सरकार के परिपत्र के कारण आरक्षण सीमा 50% से अधिक हो गई थी।

सुप्रीम कोर्ट में लंबित मामले | MP OBC Reservation

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार मेडिकल क्षेत्र से जुड़ी ओबीसी आरक्षण चुनौती की शुरुआत आशिति दुबे द्वारा की गई थी। हाईकोर्ट ने 19 मार्च 2019 को ओबीसी के लिए अतिरिक्त 13% आरक्षण पर रोक लगा दी थी। बाद में, इसी आदेश के आधार पर अन्य कई नियुक्तियों में भी रोक लगी। यह मामला अब 2 सितंबर 2024 को सुप्रीम कोर्ट में स्थानांतरित हो गया है। इसके अलावा, राज्य सरकार ने भी ओबीसी आरक्षण से जुड़ी लगभग 70 याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट में ट्रांसफर करवाई हैं, जिन पर अभी फैसला आना बाकी है।

OBC के लिए 27% आरक्षण का रास्ता साफ

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार विशेष अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ठाकुर ने कहा कि याचिका खारिज होने के बाद अब प्रदेश में अधिकांश मामलों में ओबीसी को 27% आरक्षण देने का रास्ता साफ हो गया है। हालांकि, सरकार इस फैसले के बाद क्या कदम उठाएगी, यह देखना बाकी है। इस पर शासकीय अधिवक्ता फिलहाल कोई टिप्पणी करने से बच रहे हैंAlso Read – MP News : MP कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी की कार को ट्रक ने मारी टक्कर

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